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सुकमा में नक्सलियों द्वारा किए गए धमाके में 11 CRPF जवान शहीद

भेज्जी इलाके में नक्सलियों द्वारा किए गए धमाके में 11 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए।

By Manoj YadavEdited By: Published: Sat, 11 Mar 2017 12:26 PM (IST)Updated: Sat, 11 Mar 2017 12:28 PM (IST)
सुकमा में नक्सलियों द्वारा किए गए धमाके में 11 CRPF जवान शहीद

सुकमा, जेएनएन। भेज्जी इलाके में नक्सलियों द्वारा किए गए धमाके में 11 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए। घटना में 3 जवान गंभीर रूप से घायल हैं। जानकारी के मुताबिक सीआरपीएफ 219 बटालियन के करीब 100 जवान रोड ओपनिंग के लिए निकले थे। इस दौरान इंजरम और भेज्जी के बीच कोत्ताचेरू में नक्सलियों ने घात लगाकर आईईडी ब्लास्ट किया और गोलियां बरसाना शुरू कर दी।

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हमले में 11 जवान शहीद हो गए और तीन गंभीर रूप से घायल हैं। घायल जवानों को इलाज के लिए हेलिकॉप्टर द्वारा रायपुर भेजा जा रहा है। हमले के दौरान जवानों द्वारा की गई जवाबी फायरिंग में दो नक्सलियों के मारे जाने की बात सामने आ रही है। घटना के बाद नक्स‍ली सीआरपीएफ जवानों के 10 हथियार भी लेकर भाग गए।

2017 का सबसे बड़ा नक्सली हमला

सीएम डॉ रमन सिंह ने घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि नक्सलियों के पैर उखड़ रहे हैं, इसलिए उन्होंने यह कायराना करतूत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल इलाके में सर्चिंग चल रही है। हमारे जवान नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है। 2017 में नक्सलियों द्वारा किया गया यह सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है।

बुलाई आपात बैठक

घटना के बाद स्पेशल डीजी नक्सल ऑपरेशन डीएम अवस्थी ने आपात बैठक बुलाई है। जिसमें एआईजी, एसआईबी और सीआरपीएफ के अधिकारी भी शामिल हो रहे है।

झीरम 2 की बरसी के दिन फिर हुआ हमला
नक्सलियों ने 11 मार्च 2014 को इसी तरह टाहकवाड़ा में सीआरपीएफ की टीम पर हमला किया था, जिसमें 16 जवान शहीद हो गए थे। झीरम घाटी हमले के बाद हुई इस नक्सली वारदात को झीरम में दूसरा सबसे बड़ा हमला भी कहा जाता है।

अब तक की बड़ी नक्सली वारदात
- सितम्बर 2005 में गंगालूर रोड पर एंटी-लैंडमाइन वाहन के ब्लास्ट करने से 23 जवान शहीद हुए थे।
- जुलाई 2007 में एर्राबोर अंतर्गत उरपलमेटा एम्बुश में 23 सुरक्षाकर्मी मारे गए।
- अगस्त 2007 में दारमेटला में मुठभेड़ में थानेदार सहित 12 जवान शहीद हुए।
- 12 जुलाई 2009 को जिला राजनांदगांव में एम्बुश (ब्लास्ट के बाद हुई फायरिंग) में पुलिस अधीक्षक सहित 29 जवान शहीद हुए। इसी प्रकार नारायणपुर के घौडाई क्षेत्र अंतर्गत कोशलनार में 27 सुरक्षाकर्मी एम्बुश में मारे गए थे।
- 6 अप्रैल 2010 को ताड़मेटला में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हुए।


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