नक्सली मुठभेड़ में सीआरपीएफ अफसर शहीद
रायपुर। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले में कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हमले के ठीक एक सप्ताह बाद नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में शनिवार को सीआरपीएफ के एक असिस्टेंट कमांडेंट शहीद हो गए। राजधानी रायपुर से करीब 150 किलोमीटर दूर गरियाबंद जिले के खल्लारी गांव में सुरक्षा बलों की यह मुठभेड़ तब हुई जब असिस्टेंट कमांडेंट एसके दास के नेतृत्व में सुरक्षा दस्ता नक्सलियों की तलाश में आगे बढ़ रहा था।
रायपुर। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले में कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हमले के ठीक एक सप्ताह बाद नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में शनिवार को सीआरपीएफ के एक असिस्टेंट कमांडेंट शहीद हो गए। राजधानी रायपुर से करीब 150 किलोमीटर दूर गरियाबंद जिले के खल्लारी गांव में सुरक्षा बलों की यह मुठभेड़ तब हुई जब असिस्टेंट कमांडेंट एसके दास के नेतृत्व में सुरक्षा दस्ता नक्सलियों की तलाश में आगे बढ़ रहा था।
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सीआरपीएफ की 211 बटालियन के जिस दस्ते का असिस्टेंट कमांडेंट दास नेतृत्व कर रहे थे, वह नक्सल विरोधी अभियान के लिए तैनात था और खासतौर पर प्रशिक्षित था। माना जा रहा है कि सुरक्षा दस्ते का आमना-सामना जंगल में गश्त कर रहे नक्सली दस्ते से अचानक हुआ, उसी दौरान हुई गोलीबारी में असिस्टेंट कमांडेंट की मौत हो गई। यह मुठभेड़ करीब डेढ़ घंटे तक चली।
बीते शनिवार [25 मई] को छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले में हुए नक्सली हमले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल और वरिष्ठ कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा सहित 31 लोगों की मौत हो गई थी। इसी के बाद प्रदेश के नक्सल प्रभावित इलाकों में अर्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस ने नक्सल विरोधी अभियान छेड़ा हुआ है। इस अभियान को फिलहाल खास सफलता नहीं मिली है।
कर्मा के पीएसओ की भी मौत
रायपुर। जगदलपुर में हुए नक्सली हमले में घायल कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा के निजी सुरक्षा अधिकारी की शनिवार को अस्पताल में मौत हो गई। सुरक्षा अधिकारी सियाराम नक्सली हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें पेट, पीठ में गोलियां लगी थीं। उन्हें हेलीकॉप्टर से रायपुर के रामकृष्ण अस्पताल लाया गया था। इसी के साथ नक्सली हमले में कुल मौतों की संख्या 31 हो गई है। शहीद सियाराम का शव उनके पैतृक गांव राघोपुर जुड़ावनपुर, वैशाली [बिहार] भेजा गया है।
अस्पताल के डॉक्टर संदीप ने बताया कि सियाराम को गोली लगने से हुए घावों में संक्रमण फैल गया था, जिससे उसके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। दंतेवाड़ा जिला पुलिस बल की नौवीं बटालियन में पदस्थ रहे सियाराम आठ साल से महेंद्र कर्मा के पीएसओ के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे। 50 वर्षीय सियाराम के तीन बेटे हैं। बड़ा बेटा संतोष सिंह और मंझला बेटा अभय छत्तीसगढ़ पुलिस में हैं। जबकि छोटा बेटा निर्भय पढ़ाई पूरी कर चुका है। डीजीपी रामनिवास ने कहा कि शहीद सियाराम के छोटे बेटे निर्भय को जिला पुलिस बल, भिलाई में नौकरी दी जाएगी।
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