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राजदंड सेंगोल के निर्माता ने जताया पीएम मोदी का आभार, बोले- समान प्रक्रियाओं का करना चाहिए पालन

नए संसद भवन में 28 मई को स्थापित होने वाले ऐतिहासिक सेंगोल को बनाने वाले वुम्मिदी बंगारू ज्वैलर्स के अध्यक्ष वुम्मिदी सुधाकर ने पीएम मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐतिहासिक सेंगोल को बनाने में एक माह का समय लगा है। फाइल फोटो।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaPublished: Fri, 26 May 2023 02:11 AM (IST)Updated: Fri, 26 May 2023 02:11 AM (IST)
राजदंड सेंगोल के निर्माता ने जताया पीएम मोदी का आभार, बोले- समान प्रक्रियाओं का करना चाहिए पालन
राजदंड सेंगोल के निर्माता ने जताया पीएम मोदी का आभार। फाइल फोटो।

चेन्नई, एएनआई। नए संसद भवन में 28 मई को स्थापित होने वाले ऐतिहासिक 'सेंगोल' को बनाने वाले वुमुदी बंगारू ज्वेलर्स के अध्यक्ष वुमुदी सुधाकर ने पीएम मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐतिहासिक सेंगोल को बनाने में एक माह का समय लगा है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को राजदंड सौंपने की समान प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए।

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सेंगोल बनाने में लगा इतने दिन का समय

उन्होंने कहा, "हम 'सेंगोल' के निर्माता हैं। इसे बनाने में हमें एक महीने का समय लगा है। यह चांदी और सोने की परत से बना है। मैं उस वक्त 14 साल का था। मेरे बड़े भाई उन निर्देशकों में से एक थे, जिन्होंने इसे बनाने का निर्देशन किया था। हम सेंगोल को सौंपने की समान प्रक्रियाओं को अपनाने के लिए पीएम मोदी के आभारी हैं।" उन्होंने कहा कि उस समय सेंगोल की कीमत करीब 50,000 रुपये थी।

75 साल बाद सेंगोल को किया जा रहा है याद

जौहरी वुमुदी बंगारू के परपोते वुमुदी बालाजी ने प्रधानमंत्री के इस फैसले को बहुत पुरानी यादों को ताजा करने वाला बताते हुए कहा कि आज 75 साल बाद 'सेंगोल' को याद किया जा रहा है। सरकार 1947 में हुई पूरी घटना को फिर से जीवंत कर रही है। हमारे लिए बहुत पुरानी यादें और एक खूबसूरत अहसास है कि हमारे पूर्वज इतिहास का हिस्सा थे और अब हम उस घटना को फिर से दोबारा देखने जा रहे हैं।

सत्ता के हस्तांतरण को दर्शाता है सेंगोल

मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी लोकसभा अध्यक्ष की सीट के बगल में इस ऐतिहासिक राजदंड 'सेंगोल' को स्थापित करेंगे। इस राजदंडा का अपना एक अलग ही ऐतिहासिक महत्व है। यह सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण को दर्शाता है।

एक मिनट के वीडियो से सामने आया दशकों पुराना सच

दशकों से पंडित जवाहर लाल नेहरू की सोने की छड़ी के नाम पर प्रयागराज के संग्रहालय में रखे सेंगोल का सच एक वीडियो से सामने आया था। चेन्नई के वुमुदी बंगारू ज्वेलर्स (वीबीजे) ने सेंगोल को लेकर एक मिनट का वीडियो बनाया था। यह वीडियो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक पहुंचा और सेंगोल की कहानी सामने आई।

मीडिया रिपो‌र्ट्स के मुताबिक, वीबीजे के मैनेजिंग डायरेक्टर अमरेंद्रन वुमुदी ने 2018 में एक मैगजीन में इसके बारे में पढ़ा था। इसके बाद 2019 में संग्रहालय में इसे देखने के बाद उन्होंने संग्रहालय के अधिकारियों के साथ प्रेस कान्फ्रेंस की योजना बनाई थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण ऐसा नहीं हो पाया। फिर उन्होंने इसके बारे में वीडियो बनाकर डाल दिया। कुछ समय बाद पीएमओ की एक टीम ने उनसे संपर्क किया।


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