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Covid-19: बांबे हाईकोर्ट ने कहा- रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट केवल सर्विलांस के लिए

जस्टिस रवि देशपांडे और अमित बोरकर की खंडपीठ ने मंगलवार को राज्य सरकार से कहा कि वह एक वकील की ओर से दायर याचिका पर जल्द कोई फैसला लें।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 05:55 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 05:55 PM (IST)
Covid-19: बांबे हाईकोर्ट ने कहा- रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट केवल सर्विलांस के लिए
Covid-19: बांबे हाईकोर्ट ने कहा- रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट केवल सर्विलांस के लिए

नागपुर, प्रेट्र बांबे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 की केवल निगरानी के लिए रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किए जा रहे हैं। साथ ही कहा कि पूरे महाराष्ट्र के कंटेनमेंट जोन में यह परीक्षण कराए जाने के बारे में फैसला राज्य सरकार को लेना है।

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कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों के खून में एंटीबॉडीज की जांच

परीक्षण की इस तकनीक का उपयोग उन लोगों के खून में एंटीबॉडीज की जांच किए जाने के लिए किया जाता है, जो कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। उनके शरीर में बनने वाली एंटीबॉडीज से कोरोना संक्रमण का इलाज होने का दावा किया जाता है।

खंडपीठ ने कहा- सरकार जल्द फैसला ले

जस्टिस रवि देशपांडे और अमित बोरकर की खंडपीठ ने मंगलवार को राज्य सरकार से कहा कि वह एक वकील की ओर से दायर याचिका पर जल्द कोई फैसला लें। वकील और याचिकाकर्ता तुषार मंडलेकर की मांग है कि कोविड-19 के कंटेनमेंट जोनों में रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट सभी पर कराए जाएं जो उस जोन में रहते हैं।

यह परीक्षण केवल निगरानी के मकसद से किए जा रहे हैं

सरकार के वकील सुमंत देवपुजारी ने कोर्ट को बताया कि यह परीक्षण नैदानिक परीक्षण नहीं हैं। फिलहाल यह परीक्षण केवल निगरानी के मकसद से किए जा रहे हैं। इनका इलाज या बीमारी के लक्षणों से कोई लेना-देना नहीं है।


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