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Covid Vaccine: कोवैक्‍सि‍न को इसी सप्‍ताह WHO से मिल सकती है मंजूरी

भारत बायोटेक की स्‍वदेशी कोवि‍ड वैक्सीन कोवैक्‍सि‍न को इसी सप्‍ताह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मंजूरी मिल सकती है। केंद्र सरकार ने जुलाई में संसद को सूचित किया था कि उसने आपातकालीन उपयोग सूची (इयूएल) के लिए आवश्यक सभी दस्तावेज जमा कर दिए हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 04:40 PM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 07:58 PM (IST)
Covid Vaccine: कोवैक्‍सि‍न को इसी सप्‍ताह WHO से मिल सकती है मंजूरी
कोवैक्‍सीन को इसी सप्‍ताह WHO की मिल सकती है मंजूरी

 नई दिल्‍ली, एएनआइ। हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक की स्‍वदशी कोवि‍ड वैक्सीन कोवैक्‍सि‍न को इसी सप्‍ताह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से मंजूरी मिल सकती है। सूत्रों से यह जानकारी मिली है। केंद्र सरकार ने जुलाई में संसद को सूचित किया था कि उसने आपातकालीन उपयोग सूची (इयूएल) के लिए आवश्यक सभी दस्तावेज जमा कर दिए हैं। डब्ल्यूएचओ आमतौर पर आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) पर निर्णय दस्‍तावेज जमा करने के बाद छह सप्ताह तक का समय लेता है। ज्ञात हो कि पहले जून में डब्ल्यूएचओ ने भारत बायोटेक की ईओआई यानी एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट को स्वीकार किया था।

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इस बारे में कोव‍िड वर्किंग ग्रुप के अध्‍यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने कहा कि इस सप्ताह के भीतर हमें कोवैक्सिन के लिए WHO की आपातकालीन उपयोग सूची (EUL) प्राप्त करने में सक्षम होना चाहिए। उम्मीद है, वैक्सीन को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता दी जानी चाहिए ताकि विदेश यात्रा करने वाले लोगों को कम कठिनाई हो।

इससे पहले टीके के लिए डब्ल्यूएचओ के सहायक महानिदेशक, मारियांगेला सिमाओ ने कहा था कि भारत बायोटेक वैक्सीन का संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी का आकलन 'काफी बेहतर' था। अधिकारियों को सितंबर के मध्य तक मंजूरी मिलने की उम्मीद थी।

कई देशों ने नहीं दी कोवैक्‍सि‍न को मान्‍यता

कोवैक्सीन भारत की स्वदेशी वैक्सीन है। फिलहाल केंद्र सरकार ने इस वैक्सीन की इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी है और यह आम लोगों के लिए भी उपलब्ध है। दरअसल, कोवैक्सिन को आईसीएमआर और भारत बायोटेक ने मिलकर विकसित किया है। अब तक इस वैक्सीन को अब विश्व स्वास्थ्य संगठन की आपातकालीन प्रयोग यूज की लिस्ट में शामिल नहीं है, जिसकी वजह से कई देशों ने कोवैक्सिन लगवाने वाले लोगों को यात्रा की मंजूरी नहीं दी है।

दरअसल, डब्ल्यूएचओ की ओर से मंजूरी में देरी होने से भारत बायोटेक को कुछ देशों में कोवैक्सिन को मंजूरी मिलने में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। डब्ल्यूएचओ की ओर से इस वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद कोवैक्सिन को दुनियाभर में मान्‍यता मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।


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