Coronavirus Updates : कोरोना वायरस को 'किल' कर रही पेट के कीड़े मारने वाली दवा, प्रयोग में किया गया इस्तेमाल
मध्य प्रदेश के जबलपुर में नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सक दो माह में इस दवा का प्रयोग 100 से ज्यादा मरीजों पर कर चुके हैं।
रामकृष्ण परमहंस पाण्डेय, जबलपुर। कोरोना वायरस से निपटने के लिए वैक्सीन की खोज में जुटे दुनियाभर के विज्ञानियों के लिए यह खबर काफी मायने रखती है कि पेट के कीड़े (कृमि) मारने वाली दवा कोराना वायरस को 'किल' कर रही है। मध्य प्रदेश के जबलपुर में नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सक दो माह में इस दवा का प्रयोग 100 से ज्यादा मरीजों पर कर चुके हैं। सभी मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं।
यह दवा उन मरीजों को भी दी गई, जिन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। यह मरीज भी स्वस्थ हो चुके हैं। मेडिकल कॉलेज की ट्रीटमेंट कमेटी की हरी झंडी के बाद यह दवा कोरोना से संक्रमित प्रत्येक मरीज को देने की तैयारी की जा रही है। चिकित्सकों ने बताया कि यह दवा (आइवरमेक्टिन) फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) से स्वीकृत है।
दवाओं की सूची में हुई शामिल
ज्ञात हो कि कोरोना वायरस से संक्रमितों के उपचार के दौरान उपयोगी दवाओं की सूची में कुछ दिनों पूर्व आइवरमेक्टिन को शामिल कर लिया गया है। मेडिकल प्रशासन ने आवश्यकतानुसार दवा की खरीदी शुरू कर दी है। चिकित्सकों ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार के दौरान हाई फ्लो ऑक्सीजन, स्टेराइड, विटामिन सी व जिंक दिया जा रहा है। इसके अलावा अन्य लक्षणों के आधार पर दवा की संख्या व मात्रा बढ़ाई जाती है।
प्रयोग में आए बेहतर परिणाम
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोविड-19 प्रभारी डॉ. संजय भारती ने कहा कि मरीजों पर आइवरमेक्टिन दवा का इस्तेमाल ड्रग ट्रायल के तहत नहीं बल्कि प्रयोग के तौर पर किया गया, जिसके बेहतर परिणाम सामने आए हैं। पेट के कृमि मारने की यह दवा दो माह के भीतर 100 से ज्यादा कोरोना संक्रमितों को दवा दी गई। वेंटिलेटर पर रखे गए कुछ मरीज भी स्वस्थ हुए हैं। मेडिकल की ट्रीटमेंट कमेटी ने भी दवा को मंजूरी दे दी है। इसके बाद कोरोना के सभी मरीजों को यह दी जा रही है।