लॉकडाउन: मिट्टी के बर्तनों की बिक्री में भी भारी गिरावट, 70 फीसद तक आई कमी
जारी लॉकडाउन के कारण देश भर में आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं।
हैदराबाद, एएनआइ। लॉकडाउन ने हैदराबाद के कुम्हारों की हालत बदतर कर दी है। नॉवेल कोरोना वायरस के कारण महामारी को फैलने से रोकने के प्रयासों के तहत सरकार ने देश भर में लॉकडाउन लगा दिया है। इस दौरान तमाम आर्थिक गतिविधियों पर भी पूर्ण विराम लगा दिया गया था जिसमें अब कुछ शर्तों के साथ ढील दी गई है।
हैदराबाद के एक कुम्हार धोनी ने एएनआइ से बातचीत में कहा, 'कोविड-19 के कारण लागू किए गए लॉकडाउन में मिट्टी के बर्तनों की बिक्री में काफी गिरावट आई। उनके अनुसार, हमेश गर्मियों में मिट्टी की सुराहियों व घड़ों की डिमांड बढ़ जाया करती है जो इस बार नहीं हो रहा है। इस बार की गर्मियां कोरोन के कारण अलग हो गई है।
धोनी ने आगे बताया, 'कोविड-19 के कारण देश में व्याप्त भय के बीच काफी कम लोग बाजार में कुछ खरीदने को निकल रहे हैं। आमतौर पर मैं एक दिन में 100-150 मिट्टी के बर्तनों की बिक्री कर लेता हूं लेकिन अभी केवल 40-50 बर्तन ही बिक पा रहे हैं। इस व्यापार में करीब 70 फीसद की गिरावट आई है।'
मिट्टी के बर्तनों की बिक्री करने वाले चंद्रशेखर ने कहा, 'लॉकडाउन के कारण हमें सामान्य स्टॉक भी नहीं मिल पा रहा है ।' उन्होंने आगे कहा, 'हालांकि तापमान बढ़ने से हमारा बिजनेस भी पटरी पर आ रहा है। मुझे उम्मीद है कि इस तरह से यदि बिजनेस चलती रही तो लॉकडाउन के बुरे असर को खत्म कर देगी।' वहां मौजूद एक ग्राहक ने कहा,'स्वास्थ्य के लिए फ्रिज का पानी पीना हानिकर है। हम मिट्टी की सुराही का ही पानी पीते हैं।' रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गर्वनर शक्तिकांत दास ने हाल में ही बताया था कि महामारी के कारण देश की ही नहीं पूरी दुनिया की लगभग सभी इकोनॉमी प्रभावित हुई है। अप्रैल में ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग में ऐतिहासिक गिरावट आई और ये 11 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई। इसकी चपेट भी भारतीय अर्थव्यवस्था भी आई है और यहां जीडीपी (ग्रॉस डोमिस्टिक प्रोडक्ट) में भारी गिरावट देखी जाएगी।