Coronavirus Outbreak in IIT Madras:आइआइटी मद्रास बना कोरोना हॉटस्पॉट, 104 संक्रमित; संक्रमितों में अधिकतर विद्यार्थी
IIT-मद्रास में कोरोना वायरस का संक्रमण पहुंच गया है। यहां के विद्यार्थी के साथ साथ मेस के स्टाफ भी कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके बाद मेस लैब लाइब्रेरी व अन्य विभागों को बंद कर दिया गया है।
मद्रास, एएनआइ। आइआइटी-मद्रास इन दिनों कोरोना का हॉटस्पॉट बन गया है। एक सौ से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इनमें अधिकांश विद्यार्थी हैं। तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे. राधाकृष्णन ने सोमवार को बताया कि कुल 104 विद्यार्थी तथा अन्य लोगों को कोरोना संक्रमण हुआ है। मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी के निर्देश पर सभी पीड़ितों का किंग्स इंस्टीट्यूट ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसिन एंड रिसर्च में इलाज चल रहा है और सभी के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।
उन्होंने कहा कि अब तक कुल 444 सैंपलों की जांच की गई है। उनमें से 104 पॉजिटिव पाए गए हैं। संस्थान के लोगों के एक से 12 दिसंबर तक सैंपल लिए गए और जांच में पॉजिटिव आने वालों की संख्या लगातार बढ़ती रही, जो सोमवार को 33 तक पहुंच गई।
राधाकृष्णन ने कहा कि संक्रमण की दर करीब 20 फीसद है। जैसे ही वहां संक्रमितों का मिलना शुरू हुआ, जांच और कांटैक्ट ट्रेसिंग की प़़डताल तेज कर दी गई। इनमें अधिकांश विद्यार्थी तथा कुछ कैंटीन कर्मी हैं। हो सकता है कि यह संक्रमण कैंटीन से ब़़ढा हो, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। स्थिति से निपटने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं।
इस बीच, संस्थान की एक प्रवक्ता ने कहा है कि संक्रमण के प्रसार को देखते हुए सभी विभाग और लैब बंद कर दिए गए हैं। सभी स्टाफ को घर से काम करने को कहा गया है जबकि पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों तथा शोधकर्ताओं को अपने कमरे में ही रहने को कहा गया है। उनके लिए कमरे में ही खाना पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। कक्षाएं ऑनलाइन चलाई जा रही हैं।
छात्रों का आरोप
दूसरी ओर, छात्रों का आरोप है कि संस्थान द्वारा सिर्फ एक मेस चलाने के फैसले से इतने ब़़डे पैमाने पर संक्रमण फैला है। मेस में कोई मास्क नहीं पहनता तथा वहां भीड़ भी जुटती थी। संस्थान में कुल 774 छात्र हैं और संक्रमितों में अधिकांश दो हॉस्टलों- कृष्णा तथा जमुना- के रहने वाले छात्र हैं।
IIT मद्रास में रिसर्च करने के लिए जो छात्र वापसी चाहते थे उन्हें 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन के नियमों के साथ प्रवेश की अनुमति दी गई थी। यहां क्वारंटाइन के लिए कमरों की क्षमता कम है और इसलिए सीमित छात्रों को ही वापस बुलाया गया। रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम करने वाले कुछ प्रोजेक्ट स्टाफ जो शहर में रह रहे हैं उन्हें भी सरकार से यहां के लैब में काम करने की अनुमति दे दी गई। इसके लिए एक SoP लागू किया गया। इसके तहत लैब में कितने प्रोजेक्ट स्टाफ और छात्र होंगे इसकी संख्या निर्धारित की गई।