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कोर्ट ने कहा, एक ही अपराध में दो एफआइआर दर्ज नहीं की जा सकती, जानें क्‍या है मामला

महाराष्ट्र में ठाणे की एक अदालत ने कहा है कि एक ही अपराध में दो एफआइआर दर्ज नहीं की जा सकती।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 03 Sep 2019 07:17 PM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 07:17 PM (IST)
कोर्ट ने कहा, एक ही अपराध में दो एफआइआर दर्ज नहीं की जा सकती, जानें क्‍या है मामला
कोर्ट ने कहा, एक ही अपराध में दो एफआइआर दर्ज नहीं की जा सकती, जानें क्‍या है मामला

ठाणे, प्रेट्र। महाराष्ट्र में ठाणे की एक अदालत ने कहा है कि एक ही अपराध में दो एफआइआर दर्ज नहीं की जा सकती। कोर्ट ने 25 साल पुराने हत्या के प्रयास और दंगा के मामले में 10 लोगों को बरी करते हुए यह व्यवस्था दी।

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जज ने जांच का लक्ष्‍य बताया  
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एएस पंढारिकर ने बीते गुरुवार को अपने आदेश में कहा है कि हर जांच का एकमात्र लक्ष्य यह पता लगाना होता है कि कथित अपराध किया गया है या नहीं। यदि हुआ है तो इसे किसने किया।

ये है आरोप 
अभियोजन के मुताबिक, तात्या पटेल और केशरीनाथ महात्रे के परिवार निर्माण सामग्री की आपूर्ति करते थे। 10 फरवरी 1994 को हथियारों से लैस पटेल परिवार के सदस्य और कुछ अन्य ठाणे जिले के काशी गांव में महात्रे के घर पर आ धमके। उन्होंने एक ठेकेदार को निर्माण सामग्री की आपूर्ति करने के खिलाफ चेतावनी दी। उन्होंने महात्रे के घर पर आग का गोला फेंक दिया जिससे मकान का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया।

17 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज 
17 लोगों के खिलाफ आइपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 342 (बंधक बनाना), 143, 147, 148, 149 (गैरकानूनी रूप से जमा होना और दंगा करना), 436 और 427 के तहत मामला दर्ज किया गया। तीन अभी तक फरार हैं और चार की मौत सुनवाई के दौरान हो गई।


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