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दिल्ली कोर्ट ने एयरटेल मैक्सिस मामले में कार्ति के याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा

हालांकि दोनों जांच एजेंसी ईडी और सीबीआइ ने अंतरिम जमानत के लिए दायर याचिका पर अपना जवाब देने के लिए कोर्ट से तीन सप्ताह का समय मांगा है।

By Srishti VermaEdited By: Published: Sat, 24 Mar 2018 01:20 PM (IST)Updated: Sat, 24 Mar 2018 01:48 PM (IST)
दिल्ली कोर्ट ने एयरटेल मैक्सिस मामले में कार्ति के याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा
दिल्ली कोर्ट ने एयरटेल मैक्सिस मामले में कार्ति के याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा

नई दिल्ली (प्रेट्र)। दिल्ली की एक अदालत ने आज कार्ति चिदंबरम की एयरटेल मैक्सिस मामले में गिरफ्तारी से सुरक्षा की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। बता दें कि एयरटेल मैक्सिस मामला टू जी स्पेट्र्म मामले से जुड़ा है। अदालत में विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी ने कार्ति चिदंबरम की तरफ से पेश हुए वकील के बहस को सुनने के बाद अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया। घंटों चली इस सुनवाई में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सीबीआइ और ईडी के द्वारा दर्ज किये गए इस मामले में कार्ति के लिए अंतरिम जमानत की मांग की थी।

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कार्ति चिदंबरम को आएनएक्स मीडिया मामले में कल ही उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई थी। सीबीआइ मामले में चर्चा करते हुए सिब्बल ने कहा कि एयरटेल मैक्सिस मामले में कार्ति के खिलाफ कोई आरोप नहीं था। वहीं ईडी के मामले में कार्ती की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा कि कार्ति ने कोर्ट के अन्य मामलों में भी हमेशा सहयोग किया है और इस पर कोई सवाल ही नहीं पैदा होता कि वे देश छोड़ कर भाग सकते हैं।

हालांकि दोनों जांच एजेंसी ईडी और सीबीआइ ने अंतरिम जमानत के लिए दायर याचिका पर अपना जवाब देने के लिए कोर्ट से तीन सप्ताह का समय मांगा है और कहा है कि तब तक उन्हें अंतरिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए।  सिब्बल और सुब्रमण्यम के अलावा कार्ती के वकीलों की टीम में सलमान खुर्शीद और मोहित माथुर भी उपस्थित थे। कार्ति के पिता पी चिदंबरम पूर्व वित्त मंत्री रह चुके हैं, उनकी पत्नी नलिनि चिदंबरम भी ब्लैक गाउन में कोर्ट में मौजूद थीं।

बता दें कि आईएनएक्स मीडिया मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा जमानत मिलने के कुछ घंटों के बाद कार्ति ने एयरसेल-मैक्सिस मामले में गिरफ्तारी की सुरक्षा के लिए अपनी याचिका दायर कर दी थी। सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2011 में इस संबंध में मामले दर्ज कराए थे। 


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