लचर विवेचना के चलते इमरान को जमानत
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर अमर्यादित टिप्पणी करने के आरोप में फंसे कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद को पुलिस की लचर विवेचना का फायदा मिला। विशेष अदालत ने उन्हें 50-50 हजार के व्यक्तिगत बंधपत्र व इतनी ही राशि के दो जमानती पेश किए जाने पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा कोट
सहारनपुर, जासं। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर अमर्यादित टिप्पणी करने के आरोप में फंसे कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद को पुलिस की लचर विवेचना का फायदा मिला। विशेष अदालत ने उन्हें 50-50 हजार के व्यक्तिगत बंधपत्र व इतनी ही राशि के दो जमानती पेश किए जाने पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा कोर्ट ने इमरान मसूद से यह भी अंडरटेकिंग मांगी कि वह लगाए गए आरोपों के अपराधों की पुनरावृत्ति नहीं करेंगे।
27 मार्च को लबकरी गांव में दिए गए भाषण को आधार बनाते हुए देवबंद पुलिस के दरोगा कुसुमवीर सिंह की ओर से भड़काऊ भाषण एससीएसटी एक्ट और आचार संहिता के उल्लघंन सहित जान से मारने की धमकी की धाराओं में कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। इस आधार पर पुलिस ने 29 मार्च की सुबह इमरान मसूद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। देवबंद एसीजेएम द्वारा इमरान मसूद की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई थी। अब मामले में अगली जमानत अर्जी सत्र न्यायाधीश की अदालत में पेश की गई। यहां से स्थानांतरित होकर मामला एससीएसटी की विशेष अदालत में पहुंचा। बुधवार को इमरान मसूद के मुकदमे की अदालत में बहस हुई। उनके वकील ने इमरान मसूद पर लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए पुलिस की कहानी की धज्जियां उड़ाई। कहा कि आचार संहिता के उल्लघंन का जो मामला बनाया गया है, वह इसलिए नहीं टिकता क्योंकि यह सीडी 27 मार्च, 2014 की नहीं है। इसके अलावा एससीएसटी एक्ट का मामला इस कारण पोषणीय नहीं है, क्योंकि उस व्यक्ति का कोई जिक्र एफआइआर में नहीं है, जिसकी बाबत एससीएसटी एक्ट लगाना बताया गया है।