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कक्षा में पहुंचे पीएसएलवी-42 से छोड़े गए दोनों ब्रिटिश सेटेलाइट, जानिए- क्या है इसकी खासियत

पीएसएलवी सी-42 का प्रक्षेपण रविवार रात 10 बजकर सात मिनट पर श्रीहरिकोटा केंद्र से हुआ।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 08:55 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 07:25 AM (IST)
कक्षा में पहुंचे पीएसएलवी-42 से छोड़े गए दोनों ब्रिटिश सेटेलाइट, जानिए- क्या है इसकी खासियत
कक्षा में पहुंचे पीएसएलवी-42 से छोड़े गए दोनों ब्रिटिश सेटेलाइट, जानिए- क्या है इसकी खासियत

चेन्नई, प्रेट्र। इसरो द्वारा रविवार को छोड़े गए दोनों ब्रिटिश सेटेलाइट ('नोवा एसएआर' और 'एस1-4') कक्षा में पहुंच गए। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से इसरो ने अपने कैरियर पोलर सेटेलाइट लांच व्हीकल (पीएसएलवी-42) से इन्हें अंतरिक्ष में भेजा। इसरो ने 12 अप्रैल को लांच किए गए आइएनआरएसएस-11 के बाद कोई सेटेलाइट अंतरिक्ष में भेजा है। अब तक इसरो 29 देशों के 237 सेटेलाइट अंतरिक्ष में भेज चुका है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सफलता के लिए इसरो को ट्वीट कर बधार्इ दी है। 

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इसके लिए 33 घंटे के काउंटडाउन की शुरुआत शनिवार दोपहर एक बजकर आठ मिनट से हुई। इस मिशन में दो सेटेलाइट 'नोवा एसएआर' और 'एस1-4' को अंतरिक्ष में स्थापित किया जाना है। इनका संयुक्त वजन 800 किलोग्राम से अधिक है।

रविवार रात 10.08 बजे चार चरणों वाला यह सेटेलाइट श्रीहरिकोटा से छोड़ा गया। पहला स्टेज दो मिनट बाद अलग हुआ और चौथा चरण उड़ान के 17 मिनट बाद अलग हुआ। इसरो चेयरमैन के शिवन ने बताया किसेटेलाइट उड़ान के17 मिनट 44 सेकेंड बाद अलग हुआ और 583 किलोमीटर दूर कक्षा में स्थापित हो गया। ब्रिटेन के सरे सेटेलाइट टेक्नोलॉजी लिमिटेड के इन दोनों सेटेलाइट का कुल वजन 889 किलोग्राम है। इन्हें इसरो की कामर्शियल विंग एंट्रिक्स कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा भेजा गया है।

445 किलोग्राम वजनी 'नोवा एसएआर' एक एस-बैंड सिंथेटिक अपर्चर रडार सेटेलाइट है, जो वनों की मैपिंग, बाढ़ और आपदा की मॉनीट¨रग का काम करेगा। जबकि 444 किलोग्राम वजनी 'एस1-4' एक हाई रेजोल्यूशन ऑप्टिकल अर्थ ऑब्जर्वेशन सेटेलाइट है, जो स्त्रोतों के सर्वे, पर्यावरण मॉनीटरिंग, अर्बन मॉनीटरिंग और आपदा मॉनीटरिंग का काम करेगा।


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