Coronavirus Vaccination: युद्धस्तर पर सरकार की तैयारी, टीकाकरण योजना में जुटे 20 मंत्रालय और 23 विभाग
Coronavirus Vaccination देश में सरकार कोरोना टीकाकरण के लिए युद्ध स्तर की तैयारियों में जुट गई है। इसको लेकर सरकार की मदद के लिए 20 मंत्रालय और 23 विभाग जुट गए हैं। टीकाकरण को लेकर जिला-ब्लॉक स्तर तक तैयारी।
नई दिल्ली, एजेंसियां। Coronavirus Vaccination, देश में कोरोना वैक्सीनेशन का सभी को इंतजार है। देश में कोरोना के दो टीकों के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी मिल गई है। इस बीच, अब देश में कोरोना टीकाकरण की तैयारियां शुरू हो गई है। इसको लेकर सरकार ने कमर कस ली है। सरकार इसको लेकर युद्धस्तर की तैयारियों में जुट गई है। देश में कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारियों में स्वास्थ्य मंत्रालय के अलावा 20 अन्य मंत्रालय और 23 विभाग भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
देश में वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी
ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया (DCGI) ने देश में दो वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को हरी झंडी दे दी है। इसमें पहली वैक्सीन सीरम की आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोविशील्ड(Covishield) है जबकि दूसरी वैक्सीन स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन(Covaxin) है जिसे भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने मिलकर विकसित किया है। इस बीच अब देश में कोरोना टीकाकरण की तैयारी शुरू हो गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन, जिला-ब्लॉक स्तर पर तैयारी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कोरोना महामारी के खिलाफ नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन ऐडमिनिस्ट्रेशन (NEGVA) के मार्गदर्शन में कई मंत्रालय और विभाग वैक्सीनेशन अभियान में मदद के लिए जुटे हुए हैं। वैक्सीनेशन को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन(एसओपी) में कहा गया है कि टीकाकरण को सुनियोजित तरीके से(कोऑर्डिनेशन मैकेनिज्म) करने के लि राष्ट्रीय, राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर तय कर लिया गया है।
हर विभाग को अलग-अलग जिम्मेदारी
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने कम से कम चार विभाग- शहरी विकास, रेवेन्यू, पीडब्लूडी और पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग को जिम्मेदारी दी है कि वे ऐसे जगहों की तलाश करें जिसे टीकाकरण सेंटर बनाया जा सके। मीडिया रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि भारत में वैसे तो 82 लाख टीकाकरण केंद्र बनाए जा सकते हैं, लेकिन कोरोना के कारण शारीरिक दूरी मेंटेन करने के लिए कई खास चीजों की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे हालात में टीकाकरण केंद्रों की संख्या कम हो सकती है।