Coronavirus Update: गांवों में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए राज्य सरकारें अलर्ट, जानें- किस राज्य में क्या इंतजाम
कोरोना वायरस महामारी की लहर धीरे-धीरे ग्रामीण इलाकों की ओर बढ़ रही है कई राज्यों ने पंचायती राज इकाइयों द्वारा स्वघोषित लाकडाउन प्रवासियों के आंकड़े जुटाने बीमारों को मुफ्त आनलाइन परामर्श मुहैया कराने सहित कई पहल की हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। ऐसे में जब कोरोना वायरस महामारी की लहर धीरे-धीरे ग्रामीण इलाकों की ओर बढ़ रही है, कई राज्यों ने पंचायती राज इकाइयों द्वारा स्वघोषित लाकडाउन, प्रवासियों के आंकड़े जुटाने, बीमारों को मुफ्त आनलाइन परामर्श मुहैया कराने सहित कई पहल की हैं। सरकारी सूत्रों ने बताया कि गांवों में कोरोना को फैलने से रोकने के लिए कई राज्यों ने केंद्र से मशविरा करके कदम उठाए हैं।
उन्होंने बताया कि इनमें गुजरात के पंचायती राज संस्थानों द्वारा स्वघोषित लाकडाउन, असम में राज्य के बाहर और भीतर से पंचायत क्षेत्र में आने वाले प्रवासियों के आंकड़े एकत्र करने के अलावा ग्राम सुरक्षा समितियों का गठन कुछ ऐसे ही उपाय हैं।
हिमाचल और केरल में यह व्यवस्था लागू
हिमाचल प्रदेश ने बीमार लोगों को परामर्श के लिए ईसंजीवनी ओपीडी की शुरुआत की है, जबकि केरल में कुडुंबश्री सामुदायिक नेटवर्क का संयुक्त कार्यक्रम केरल सरकार द्वारा शुरू किया गया है। यह केरल सरकार का एक संयुक्त कार्यक्रम है, जिसे गरीब महिलाओं के सामुदायिक विकास सोसाइटी (सीडीएस) द्वारा लागू किया जा रहा है। सीडीएस स्थानीय सरकार की सामुदायिक इकाई की तरह काम करती हैं।
हरियाणा में ग्राम निगरानी समिति गठित
हरियाणा में सामयिक आधार पर जागरूकता कार्यक्रम चलाने के साथ ग्राम निगरानी समिति गठित करने और प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष तौर पर क्वारंटाइन सेंटर स्थापित करने की पहल की गई है।
गुजरात में घर-घर जांच
गुजरात में घर-घर जाकर आक्सीमीटर, तापमान नापने वाली मशीन और एंटीजन जांच किट की मदद से लोगों की निगरानी की जा रही है। आंध्र प्रदेश ने कोरोना कट्टाडी (निगरानी) समिति बनाने की घोषणा की है और राज्य के ग्राम पंचायतों ने मास्क नहीं तो प्रवेश नहीं के लिए प्रस्ताव पारित किया है।
यूपी में भी निगरानी समित गठित
उत्तर प्रदेश ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में निगरानी समिति गठित की है जो सफाई पर ध्यान केंद्रित करेगी, जबकि उत्तराखंड ने सामान की आपूíत की उचित निगरानी की व्यवस्था की है।
बंगाल में एनजीओ से ली जा रही मदद
बंगाल में गैर सरकारी संगठनों और स्वयं सहायता समूहों की मदद से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत स्थानीय बाजार और हाट को नियमों के तहत परिचालन करने के साथ-साथ सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्यान्न का वितरण कराया जा रहा है।
मप्र में गांवों को अलग-अलग जोन में बांटा जा रहा
मध्य प्रदेश में अधिक संक्रमण के मामले आने पर गांवों में कंटेनमेंट जोन बनाया जा रहा है। उपचाराधीन मरीजों की संख्या के आधार पर गांवों को रेड, आरेंज और ग्रीन जोन में बांटा जा रहा है।
महाराष्ट्र में मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारी अभियान
इसी प्रकार महाराष्ट्र में मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारी जागरूरता अभियान चलाया गया है और घर-घर निगरानी के लिए कोरोना रोकथाम समिति गठित की गई।
पंजाब में ग्राम निगरानी समिति गठित
पंजाब के प्रत्येक गांव में ग्राम निगरानी समिति गठित की गई है जो रात्रि कर्फ्यू सुनिश्चित करने के लिए पहरा की भी व्यवस्था कर रही है। राजस्थान के कई ग्रामीण इलाकों में रोजाना मेडिकल किट का वितरण किया जा रहा है।
बिहार में सभी परिवारों को मास्क वितरण
बिहार में सभी परिवारों में मास्क वितरित करने और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय स्तर पर ही मास्क खरीदने की पहल की गई है।
संक्रमण की कड़ी तोड़ने के लिए राज्यों से कदम उठाने की अपील
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अन्य राज्यों से भी कोरोना वायरस संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए इसी तरह का कदम उठाने का आह्वान किया है। केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने भी राज्यों को परामर्श जारी करके ग्राम स्तर पर कोरोना का प्रबंधन करने और ग्रामीण इलाकों में महामारी को फैलने से रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने का अनुरोध किया है।