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Positive India: आईआईटी बीएचयू का यह उपकरण वाहनों को करेगा स्टरलाइज

आईआईटी बीएचयू ने ऐसी तकनीक का ईजाद किया है जिससे वाहनों को स्टरलाइज किया जा सकता है। इसका नाम यूवीसी व्हीकल स्टरलाइजर है जो पराबैंगनी कीटाणुशोधन विकिरण तकनीक से काम करता है।

By Vineet SharanEdited By: Published: Wed, 29 Apr 2020 09:27 AM (IST)Updated: Wed, 29 Apr 2020 09:42 AM (IST)
Positive India: आईआईटी बीएचयू का यह उपकरण वाहनों को करेगा स्टरलाइज
Positive India: आईआईटी बीएचयू का यह उपकरण वाहनों को करेगा स्टरलाइज

नई दिल्ली, अनुराग मिश्र। कोरोना वायरस ने भारत और दुनिया के अन्य देशों में भयावह स्थिति उत्पन्न कर दी है, क्योंकि इस वायरस का अभी तक कोई भी संभावित टीका उपलब्ध नहीं है। भारत में इस महामारी के फैलाने पर रोक लगाने के लिए दो चरणों में तालाबंदी लागू की गई है, लेकिन लॉकडाउन कब तक बना रहेगा, यह सवाल अनुत्तरित है। यदि लॉकडाउन खोला जाना है, तो एहतियात एकमात्र तरीका है, जिसमें हर व्यक्ति को खुद की सुरक्षा करनी पड़ेगी। आईआईटी बीएचयू ने ऐसी तकनीक का ईजाद किया है, जिससे वाहनों को स्टरलाइज किया जा सकता है।

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यूवीसी व्हीकल स्टरलाइजर

इनक्यूबेट गौरव सिंह की कंपनी एलीविंग सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड ने एक डिवाइस बनाई है। इसका नाम यूवीसी व्हीकल स्टरलाइजर है। यह विभिन्न वायरस जैसे- सार्स सिंड्रोम कोरोनावायरस, निप्पा वायरस और क्रीमियन-कोंगो हेमोरेजिक बुखार वायरस आदि से वाहनों को कीटाणुरहित करने में सक्षम होगी। मौजूदा समय में वायरस का खात्मा करने के लिए वाहनों में स्प्रे कीटाणुनाशक की आवश्यकता होती है, जिसे पोंछने की आवश्यकता होती है, जिसकी वजह से यह मानव शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। जबकि पराबैंगनी कीटाणुशोधन विकिरण का उपयोग लोगों और कपड़ों को नुकसान पहुंचाए बिना एम्बुलेंस / अन्य वाहनों को वायरस से मुक्त करता है।

वाहनों को नुकसान पहुंचाए बिना वायरस का खात्मा

आईआईटी बीएचयू के मालवीय सेंटर फॉर इनोवेशन, इनक्यूबेशन एंड एंटरप्रिन्योरशिप के समन्वयक प्रो पी.के. मिश्रा ने बताया कि कई शोध बताते हैं कि यूवीसी तकनीक कीटाणुशोधन के लिए बहुत प्रभावी तकनीक हो सकती है और इसका उपयोग एम्बुलेंस, सार्वजनिक परिवहन और अन्य वाहनों में किया जा सकता है। प्रो. मिश्रा ने कहा कि यह वाहन स्टरलाइजर 44w की यूवीसी क्षमता पर काम करता है और 12V पर संचालित होता है। यह वाहनों को नुकसान पहुंचाए बिना लगभग सभी वायरस का खात्मा कर देता है।

फुल बॉडी सेनिटाइजेशन डिवाइस

कोरोना से बचाव के लिए सेनिटाइजेशन और सामाजिक दूरी प्रमुख हैं। इसी क्रम में, आईआईटी- बीएचयू स्थित मालवीय उद्यमी संवर्धन एवं नवप्रवर्तन केंद्र के इंक्यूबेटर जीतू शुक्ल ने एक उपकरण विकसित किया है, जिसका इस्तेमाल पूरे शरीर को सेनिटाइज करने के लिए किया जा सकता है। इस उपकरण को कहीं भी लगाया जा सकता है और यह स्वचालित तरीके से कार्य करता है। जैसे ही इस उपकरण के सामने कोई व्यक्ति खड़ा होता है, तो इसमें लगा सेंसर अपने आप उस व्यक्ति को सेनिटाइज करने के लिए 10-15 एमएल सैनिटाइजर का स्प्रे 15 सेकंड तक करता है, जिससे व्यक्ति का पूरा शरीर, कपड़े, जूते, इत्यादि सभी सेनिटाइज हो जाते हैं। इस उपकरण को किसी भी ऐसे स्थान पर लगाया जा सकता है, जहां व्यक्तियों का आवागमन होता है, जिससे कोई भी व्यक्ति प्रवेश लेने से पहले सेनिटाइज होकर ही प्रवेश करे। मालवीय उद्यमी संवर्धन एवं नवप्रवर्तन केंद्र, आईआईटी, बीएचयू के समन्वयक प्रो. पी. के. मिश्र का कहना है की यह उपकरण आज की ज़रूरत के हिसाब से बनाई गई है जिसका इस्तेमाल कर के कोरोना जैसे घातक वायरस से बचाव संभव है । 


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