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चीन से लौटने के बाद सुनाई आपबीती, हॉस्टल से निकलने पर थी पाबंदी; लिफ्ट के बटन तक किए जाते थे साफ

भारत लाए जाने के बाद दो फरवरी को उन्हें दिल्ली के निकट गुरुग्राम में सेना के कैंप में रखा गया था। 15 दिन निगरानी के बाद उन्हें खरगोन जाने की अनुमति मिली।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 10:13 PM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 07:29 AM (IST)
चीन से लौटने के बाद सुनाई आपबीती, हॉस्टल से निकलने पर थी पाबंदी; लिफ्ट के बटन तक किए जाते थे साफ
चीन से लौटने के बाद सुनाई आपबीती, हॉस्टल से निकलने पर थी पाबंदी; लिफ्ट के बटन तक किए जाते थे साफ

खरगोन, जेएनएन। आखिरकार गुरुग्राम में बनाए गए कोरोना राहत कैंप में 15 दिन निगरानी में रहकर मध्य प्रदेश के खरगोन के दो छात्रों ने घर लौटकर सुकून की सांस ली। चीन के शियान शहर में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे अब्दुल मतीन खान व शुभम गुप्ता को वहां कोरोना वायरस फैलने के बाद सरकार की मदद से विशेष विमान से दिल्ली लाया गया था। उन्होंने बताया कि चीन में उन्हें हॉस्टल से निकलने नहीं दिया जा रहा था। लिफ्ट के बटन तक बार-बार साफ किए जाते थे।

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15 दिन तक रखा गया था गुरुग्राम कैंप में

भारत लाए जाने के बाद दो फरवरी को उन्हें दिल्ली के निकट गुरुग्राम में सेना के कैंप में रखा गया था। 15 दिन निगरानी के बाद उन्हें खरगोन जाने की अनुमति मिली। गोगावां में छात्र अब्दुल ने दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन 'नईदुनिया' से चर्चा में कहा कि वुहान में कोरोना वायरस की जानकारी दिसंबर में लीक हुई थी, लेकिन उस समय उनकी मेडिकल पढ़ाई की परीक्षा चल रही थी। इस वायरस का उन्हें पता नहीं चला था। 10 जनवरी को वायरस के फैलने की जानकारी लगी तो उनके हॉस्टल से बाहर निकलने पर भी पाबंदी लगा दी गई, वहीं यह वायरस जब पूरी तरह सक्रिय हुआ तो उन्हें भय सताने लगा। उन्होंने परिजन से फोन पर बात की। फोन पर अब्दुल ने बताया कि उनके कॉलेज में भारत के करीब 300 छात्र मेडिकल की पढ़ाई करते हैं।

स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची घर

खरगोन में अब्दुल के घर स्वास्थ्य विभाग की टीम भी पहुंची। जिला डीसीओ डॉ. सुनील वर्मा व जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. रेवाराम कोशले शामिल थे। टीम ने मतीन को मॉस्क लगाने की सलाह देते हुए सैनिटाइजर की बॉटल दी। परिजन की भी जांच कर वायरस से बचाव के टिप्स दिए। मतीन को घर में ही रहने की सलाह दी गई।

दहशत के पल में भी शुभम ने बनाए रखा आत्मविश्वास

घर लौटे शुभम ने बताया कि चीन में संक्रमण की खबर से उनका दिल दहल गया था। जैसे-जैसे मौत के आंकड़े बढ़ रहे थे, उनका विचलित होना स्वाभाविक था। लेकिन उन्होंने आत्मविश्वास बनाए रखा। उन्हें भारत सरकार पर भरोसा था। उन्होंने मीडिया और परिवार का भी आभार माना, जिन्होंने इस परेशानी से उन्हें निकाला। शुभम ने बताया कि हालात सामान्य होने के बाद वह वापस चीन जाएंगे। पढ़ाई में व्यवधान न हो, इसके लिए कॉलेज प्रबंधन ने ऑनलाइन क्लासेस शुरू की है। शुभम के मेडिकल कॉलेज से संबद्घ अस्पताल में लगभग 150 कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती किए गए थे। चीन सरकार लगातार अलर्ट व अपील जारी कर रही थी। हॉस्टल की भी लगातार सफाई जारी रही।


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