बुजुर्गों के लिए घातक सिद्ध हो रहा कोरेाना वायरस, जानिए किस आयु वर्ग के लोग हैं ज्यादा सुरक्षित
दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत में भी कोरोना वायरस बुजुर्गों के लिए घातक साबित हो रहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत में भी कोरोना वायरस बुजुर्गों के लिए घातक साबित हो रहा है। कोरोना वायरस के कारण देश में अब तक हुई 109 मौतों का विश्लेषण करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि वैसे तो कुल मरीजों में 60 साल से अधिक उम्र के 19 फीसदी हैं, लेकिन मरने वालों में उनकी संख्या 63 फीसदी से अधिक है। 30 फीसदी मौतें 40 से 60 साल के उम्र के लोगों की देखी गई है, जबकि इस आयु वर्ग के 34 फीसदी लोग कोरोना से ग्रसित हैं। यानी इनके ग्रसित होने और मौत का अनुपात लगभग एक समान है।
40 से कम आयु वर्ग के लोग हैं सबसे सुरक्षित
इस वायरस से सबसे सुरक्षित 40 साल के कम उम्र के युवा पाए गए हैं। देश में इससे ग्रसित 40 साल के कम उम्र के युवाओं की संख्या 47 फीसदी है। लेकिन मरने वालों में वे महज सात फीसदी ही हैं। लेकिन यदि युवा भी पहले से किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं, तो कोरोना उनके लिए घातक साबित हो सकता है। भारत में अभी तक 86 फीसदी मरने वाले लोग वे हैं, जिनमें डायबटीज, किडनी, हाइपरटेंशन और दिल से संबंधित बीमारियां पहले से थी।
कोरोना के मरीजों के लिंग के आधार पर विश्लेषण करें, तो अब तक मिले केस में 76 फीसदी पुरूष और 24 फीसदी महिलाएं हैं। मरने में महिलाओं का अनुपात थोड़ा ज्यादा है। मरने वालों में 73 फीसदी पुरुष और 27 फीसदी महिलाएं हैं। कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या के साथ ही उससे मरने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। अब तक कुल 109 लोगों की कोरोना के कारण मौत हुई है, जिनमें अकेले रविवार को 30 लोगों की मौत हुई।
बुजुर्गों का इम्यून सिस्टम होता है कमजोर
दरअसल, कोरोना वायरस का सबसे अधिक असर बुजुर्गों पर होता है। इसकी वजह है कि उनका इम्यून सिस्टम उतना मजबूत नहीं होता है। इसकी तस्दीक विश्व स्वास्थ्य संगठन की वो रिपोर्ट भी करती है जिसमें बुजुर्गों को इससे सबसे अधिक खतरा बताया गया था।
इटली में बड़ी संख्या में हुई है बुजुर्गों की मौत
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मुताबिक, बुजुर्गों की जनसंख्या के मामले में जापान के बाद दूसरे नंबर पर इटली आता है, जहां इनकी संख्या 22.8 फीसद है। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या के मामले में इटली तीसरे नंबर पर आता है, वहीं यूरोप में दूसरे नंबर पर है। यहां पर अब तक 128948 मामले सामने आ चुके हैं और 15887 मरीजों की मौत हो चुकी है। यहां पर इस वायरस की चपेट में आने वाले ज्यादातर बुजुर्ग हैं।
इतना ही नहीं, यहां पर इस वायरस की चपेट में आकर जान गंवाने वालों में भी ज्यादातर बुजुर्ग हैं। यूरोपीय यूनियन के तहत आने वाला इटली में सबसे अधिक पेंशन पर खर्च करता है। ये इटली की जीडीपी का करीब 16 फीसद है।
जर्मनी में भी काफी संख्या में बुजुर्ग इसकी चपेट में
इस वायरस की चपेट में चौथे नंबर पर आने वाला सबसे बड़ा देश जर्मनी है। यहां पर 21.1 बुजुर्ग हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या यहां पर 100132 तक जा पहुंची है। इसके अलावा 1584 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। डायचे वेले के मुताबिक यहां पर वायरस की चपेट में आने वाले और जान गंवाने वालों में सबसे अधिक बुजुर्ग हैं।
अमेरिका में तीन लाख से अधिक लोग वायरस से हुए संक्रमित
अमेरिका में 65 वर्ष की उम्र या उससे अधिक की जनसंख्या 17 फीसद है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के मुताबिक, कोरोना की चपेट में आने वालों में करीब 31 फीसद लोग 65 वर्ष या इससे अधिक उम्र के हैं। वर्तमान में कोरोना वायरस के सबसे अधिक मरीज केवल अमेरिका में ही हैं। यहां पर बड़ी तेजी से इसके मामले पांव पसार रहे हैं। मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 336851 मामले यहां पर सामने आ चुके हैं। वहीं 9620 लोगों की जान इस वायरस की चपेट में आने के बाद जा चुकी है। करीब 18 हजार मरीज अच्छे भी हुए हैं। आंकड़ों की मानें तो कुल मामलों में से करीब 8702 मामले बेहद गंभीर हैं।