Coronavirus News: कोविड-19 के प्रति लापरवाह हुए लोग, नियमों के अनुपालन में होने लगी ढिलाई
आंकड़ों के विश्लेषण के दौरान पाया गया कि टियर एक क्षेत्रों में मास्क पहनने के नियम का अनुपालन 35 फीसद रहा जबकि टियर दो क्षेत्रों में 29 फीसद। टियर तीन चार वाले क्षेत्रों में यह दर 19 फीसद पर आ गई।
नई दिल्ली जेएनएन। भले ही भारत में टीकाकरण अभियान तेजी से चल रहा हो, लेकिन कोविड-19 की महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। इसके बावजूद लोग मास्क पहनने से लेकर शारीरिक दूरी जैसे नियमों का उल्लंघन करने लगे हैं। इंटरनेट मीडिया लोकल सर्कल के हालिया सर्वे में सिर्फ 30 फीसद लोगों ने माना कि उनके इलाके में मास्क पहनने के नियम का प्रभावी अनुपालन हो रहा है, जबकि सिर्फ 12 फीसद का कहना था कि उनके क्षेत्र में शारीरिक दूरी का पालन सही से हो रहा है।
पूछे गए फेस मास्क लगाने और शारीरिक दूरी संबंधी सवाल: एक तरफ जहां टीकाकरण अभियान रफ्तार पकड़ रहा है, वहीं कोरोना वायरस में भी बदलाव हो रहे हैं। ब्रिटेन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका व अमेरिका में अलग-अलग वैरिएंट आ चुके हैं। ये पहले वाले से 50 फीसद से भी अधिक संक्रामक हैं। ऐसे में यह जानने का प्रयास किया गया कि मास्क पहनने और शारीरिक दूरी के नियमों के अनुपालन के प्रति लोग कितने गंभीर हैं। सर्वे में 238 जिलों के 8,000 से ज्यादा लोगों की प्रतिक्रियाएं ली गईं। इनमें 51 फीसद लोग महानगरों या टियर एक वाले जिलों के रहने वाले थे। 28 फीसद टियर दो व 21 फीसद टियर तीन व चार के रहने वाले लोग सर्वे में शामिल रहे।
नहीं हो रहा शारीरिक दूरी के नियम का अनुपालन: लॉकडाउन खत्म होने के बाद व्यावसायिक व अन्य गतिविधियां शुरू हो गईं। वहीं, शारीरिक दूरी के नियम के अनुपालन में ढिलाई होने लगी। सर्वे में शामिल 56 फीसद लोगों का कहना था कि उनके इलाके में शारीरिक दूरी का अनुपालन बिल्कुल नहीं हो रहा है। सिर्फ 12 फीसद ने कहा कि उनके इलाके में शारीरिक दूरी का खयाल रखा जा रहा है। 31 फीसद लोगों ने सीमित अनुपालन की बात कही। आंकड़ों के विश्लेषण में पाया गया कि टियर एक क्षेत्रों में शारीरिक दूरी का अनुपालन अपेक्षाकृत सही से हो रहा है। 15 फीसद लोगों ने कहा कि टियर दो वाले क्षेत्रों इस नियम का पालन सही से हो रहा है। टियर तीन व चार वाले क्षेत्रों में इसके अनुपालन की दर 10 फीसद रही।
पिछले साल कोविड-19 संबंधी एहितयाती उपायों के प्रति ज्यादा गंभीर थे लोग: कोविड-19 की महामारी में फेस मास्क कारगर रक्षा कवच साबित हो रहे हैं। अच्छी गुणवत्ता वाले मास्क वायरस को मुंह और नाक के जरिये व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करने से रोक देते हैं। इससे बीमारी का खतरा कम हो जाता है। सितंबर 2020 में जब लोकल सर्कल ने सर्वे किया था तब 67 फीसद लोगों ने कहा था कि उनके इलाके में मास्क पहनने के नियम का अनुपालन सही से हो रहा है। यह दर इस साल 30 फीसद रह गई।
ग्रामीण क्षेत्रों में लापरवाही ज्यादा: सर्वे में मास्क पहनने व शारीरिक दूरी जैसे नियमों के अनुपालन में जहां महानगरों तथा टियर एक, दो, तीन व चार श्रेणी के शहरों में लापरवाही की बात सामने आई, वहीं चौंकाने वाली बात यह रही कि ग्रामीण क्षेत्रों में इन नियमों का अनुपालन न के बराबर हो रहा है। वहां सामाजिक गतिविधियां भी लगभग पहले की तरह संचालित होने लगी हैं।