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Coronavirus News: आंकड़ों के जरिये जानें किन देशों ने कोरोना संक्रमण में ऐसी गलती की और इसकी सजा भुगती

देश में कोरोना के दैनिक मामले कम हुए हैं और उससे कहीं तेजी से सक्रिय मामलों में कमी आ रही है। यह अच्छी बात है। बावजूद इसके हमें दुनिया के दूसरे मुल्कों का उदाहरण नहीं भूलना चाहिए जब कम होते मामलों के बीच लोगों ने लापरवाही बरती।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 09:00 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 09:26 AM (IST)
Coronavirus News: आंकड़ों के जरिये जानें किन देशों ने कोरोना संक्रमण में ऐसी गलती की और इसकी सजा भुगती
भारत में घटते मामलों के बीच हमें और सावधानी बरतनी होगी

नई दिल्‍ली, जेएनएन। समय-चक्र परिवर्तनशील है। जो आज धूल-धूसरित है, वही कल पुष्प से सुवासित होता है। आज दुख है तो कल सुख जरूर आएगा। हर विपदा का अंत खुशहाली के रूप में आता है। कोविड-19 महामारी के साथ भी ये नियम जुड़ा हुआ है। इसके संकेत भी दिखने लगे हैं। भारत में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार घट रहे हैं। स्वस्थ होने वालों की संख्या में तेज इजाफा है। सक्रिय केस भी लगातार कम हो रहे हैं। दुनिया में सबसे कम मृत्युदर यहीं पर है। एक सप्ताह से लगातार रोजाना 60 हजार से कम नए मामले आ रहे हैं जो बताते हैं कि अगर लोग ऐसे ही संयम, अनुशासन और एहतियात बरतना जारी रखें तो नए मामलों में आ रही इस कमी की रफ्तार को हम न सिर्फ और गति दे सकते हैं बल्कि जल्द ही इस महामारी पर पूर्ण विराम भी लगा सकते हैं। सबको इसी बात का अहसास दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में राष्ट्र को अचानक संबोधित किया। उस संबोधन में एक चिंता थी।

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यह चिंता पूरे देश को परिवार मानने वाले उस मुखिया की थी, जो पिछले नौ महीने से इस महामारी से हर तरह से प्रताड़ित अपने देश और देशवासियों की लंबी तपस्या को कदापि जाया नहीं जाने देना चाहता। तभी तो उन्होंने सबसे कर-बद्ध निवेदन किया कि कोरोना के मामले घट रहे हैं, लेकिन हमें इसे उल्लास की तरह नहीं लेना है। ये हमारी लंबी तपस्या और आत्मानुशासन का प्रतिफल है। हम सबको अब और ज्यादा एहितयात बरतने की जरूरत है। मामलों में कमी को देखकर हमें बिल्कुल भी गाफिल नहीं होना है। दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी नियम का तो अनिवार्य पालन करना और कराना है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों और जानकारों का भी मानना है कि नए मामलों में तेजी से कमी लाने के लिए हमें आने वाले दिनों में भी पूरी सतर्कता रखनी होगी। तभी इस महामारी के ताबूत में हम आखिरी कील ठोंक पाएंगे। ध्यान रहे बीती 30 जनवरी को देश में कोरोना संक्रमण का सिर्फ एक मामला था, उसके बाद से महामारी की बिगड़ी तस्वीर हम सबके सामने है। इसलिए जब तक देश में एक भी मामला है, हमें पूरी सावधानी बरतनी होगी। उम्मीद है, कोरोना से इस जंग में हम एकजुट होकर उसे शिकस्त देंगे।

देश में कोरोना के दैनिक मामले कम हुए हैं और उससे कहीं तेजी से सक्रिय मामलों में कमी आ रही है। यह अच्छी बात है। बावजूद इसके हमें दुनिया के दूसरे मुल्कों का उदाहरण नहीं भूलना चाहिए, जब कम होते मामलों के बीच लोगों ने लापरवाही बरती। इसके बाद बड़ी संख्या में मामले सामने आए और कोविड-19 महामारी के खिलाफ निर्णायक जंग तक पहुंची स्थिति से इन देशों को पीछे हटना पड़ा। भारत में घटते मामलों के बीच हमें और सावधानी बरतनी होगी, ताकि हम महामारी की दूसरी लहर में संक्रमण के शिकार न हो जाएं। 

कोरोना के खिलाफ बनें जन आंदोलन का हिस्सा : कोरोना के खिलाफ देश ऐसे दौर से गुजर रहा है, जब सर्वाधिक सावधानी रखने की जरूरत है। ऐसे दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से कोरोना के खिलाफ एकजुट रहने की अपील करते हुए 8 अक्टूबर को जन आंदोलन शुरू किया है। कोई भी व्यक्ति प्लेजडॉटमाइजीओवीडॉटइन पर जाकर इस अभियान से जुड़ सकता है और कोविड-19 से जुड़े खतरों के प्रति सतर्क रहने की शपथ ले सकता है।

20 लाख से ज्यादा जुड़े : कोरोना का प्रसार लगातार घट रहा है। ऐसे में लोगों को सतर्कता रखनी होगी। लोगों को महामारी के इस दौर में व्यवहार करने को लेकर सरकार ने एक जन आंदोलन शुरू किया है। इससे अभी तक 20.58 लाख लोग जुड़ चुके हैं। इसमें आपको कोविड-19 अनुरूप व्यवहार के लिए संकल्प लेना होगा। जिसमें आपको बुनियादी ब्योरा दर्ज करना होगा। इसके लिए आपको प्रमाणपत्र भी दिया जाता है।


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