लॉकडाउन के दौरान काम करने वाले डाक विभाग के कर्मचारियों को 10 लाख की मदद करेगी सरकार
इंडिया पोस्ट ने कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण लॉकडाउन के बीच आधार-सक्षम भुगतान प्रणाली के माध्यम से आवश्यक सामान जैसे दवाइयां चिकित्सा उपकरण और पेंशन पहुंचा रहा है।
नई दिल्ली, एएनआइ। देश में कोरोना वायरस के प्रसर को रोकने के लिए जहां सरकार लॉकडाउन और अन्य जरुरी कदम उठा रही है। दूसरी तरफ पुलिस, डॉक्टर बैंक कर्मी और बाकी जरुनी सेवाओं से जुड़ें लोग दिन रात लोगों को सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इसी बीच कोरोना वायरस के दौरान ड्यूटी करने वाले डाक कर्मचारियों को 10 लाख रुपये के मुआवजे के भुगतान का विस्तार करने का निर्णय लिया गया है। यह दिशा-निर्देश तुरंत लागू होंगे और कोरोना संकट समाप्त होने की अवधि तक जारी रहेंगे।
वहीं, इंडिया पोस्ट ने कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण लॉकडाउन के बीच आधार-सक्षम भुगतान प्रणाली के माध्यम से आवश्यक सामान जैसे दवाइयां, चिकित्सा उपकरण, पेंशन और सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने की पहल की है।
अजय कुमार रॉय, डिप्टी डायरेक्टर (जनरल, मेल ऑपरेशंस) ने कहा कि हम अपने आधार सक्षम भुगतान के माध्यम से गांवों और दूरदराज के क्षेत्रों में जरूरतमंदों को नकदी उपलब्ध करा रहे हैं, जहां हम पेंशनरों और अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभार्थियों को उनके दरवाजे पर नकदी वितरित करते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हम देश भर के व्यक्तियों, अस्पतालों, अनुसंधान केंद्रों में दवा और चिकित्सा उपकरण जैसे आवश्यक सामान पहुंचाने के लिए भी काम कर रहे हैं। हम 24 मार्च से ऐसा कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश सामान स्पीड पोस्ट द्वारा भेजे गए हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि फिलहाल देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 13 हजार के पार पहुंच गई हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय पर जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, फिलहाल 11906 सक्रिए मामले हैं। जिसमें से 1991 को ठीक कर दिया गया है और 480 लोगों की मृत्यु हो गई हैं। देश में लगातार बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए सरकार ने लॉकडाउन की अवधि को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया है। साथ ही राज्यों को निर्देश दिया गया है कि वह सख्ती से लॉकडाउन के नियमों का पालन हो इसे सुनिश्चित करें।