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Coronavirus in Odisha: प्रवासियों के लिए क्वारंटाइन सेंटर में सर्टिफिकेट कोर्स की व्यवस्था

ओडिशा में कोरोना वायरस की वजह से लगभग 15000 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। यहां रह रहे लोगों के लिए COVID वॉलिंटियर सर्टिफिकेट कोर्स की व्यवस्था की गई है।

By TaniskEdited By: Published: Fri, 22 May 2020 03:32 PM (IST)Updated: Fri, 22 May 2020 03:32 PM (IST)
Coronavirus in Odisha: प्रवासियों के लिए क्वारंटाइन सेंटर में सर्टिफिकेट कोर्स की व्यवस्था

नई दिल्ली, पीटीआइ। ओडिशा में कोरोना वायरस की वजह से लगभग 15,000 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं, जहां बाहर से आ रहे लोग आइसोलेशन में ठहर रहे हैं। यहां इनके लिए योगा और मेडिटेशन जैसे COVID वॉलिंटियर सर्टिफिकेट कोर्स के साथ-साथ अन्य गतिविधियों की व्यवस्था की गई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दो लाख से अधिक लोग मंगलवार तक ओडिशा लौट आए हैं। इनमें ज्यादातर प्रवासी मजदूर हैं। उन्हें राज्य भर में स्थापित लगभग 15,000 क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है। वे यहां 14 से 21 दिन तक रहेंगे। इस दौरान परिस्थितियों के अनुसार उन्हें व्यस्त रखने और मानसिक तनाव से बचाने के लिए पिछले सप्ताह कई गतिविधियां शुरू की गईं।

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ओडिशा सरकार के पंचायती राज और पेयजल विभाग के प्रमुख सचिव देवरंजन कुमार सिंह ने कहा है कि वे उन्हें मनरेगा से जोड़ने की संभावना भी तलाश रहे हैं। उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआइ से बताया कि क्वारंटाइन सेंटर में लोगों को व्यस्त रखने के लिए योग और मेडिटेशन जैसे विभिन्न गतिविधियों की योजना बनाई गई है। इससे यहां रह रहे लोग मानसिक तनाव और चिंता से मुक्त रहेंगे। उन्हें यहीं कोई काम भी दिलाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि उनकी थोड़ी कमाई हो सके।

मनरेगा के तहत भी काम कराने की योजना

देवरंजन ने कहा कि आगे बताया कि जैसे अगर कोई खाना बनाने या साफ-सफाई में मदद करता है उसे 150 रुपये प्रतिदिन के दिया जाएगा। उन्हें मनरेगा के तहत भी काम कराने की योजना बनाई जा रही है। मनरेगा के तहत काम करके वे 207 रुपये प्रतिदिन कमा सकते हैं। दीर्घकालिक योजना के लिए उनके कौशल के बारे में भी पता लगा रहे हैं, ताकि यह पता चल सके कि वे कहां काम कर सकते हैं। 

जल्द ही ऑनलाइन प्रशिक्षण भी शुरू होगा

श्रम, बाल और महिला विकास सचिव और COVID प्रबंधन के लिए सभी प्रशिक्षण मॉड्यूल की प्रभारी अनु गर्ग ने  पिछले सप्ताह के 10-दिवसीय COVID पाठ्यक्रम मॉड्यूल के बारे मे जानकारी दी और कहा कि  जल्द ही इसका ऑनलाइन प्रशिक्षण भी शुरू होगा। उन्होंने कहा कि यह पाठ्यक्रम वापस आए लोगों को शिक्षित करने के लिए है, ताकि जब वे बाहर जाएं तो उन्हें कोरोना वायरस के बारे में बुनियादी जानकारी हो। लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए  ओडिया और अंग्रेजी में वीडियो का इस्तेमाल हो रहा है। 


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