Coronavirus: दुबई से बीमार मां से मिलने लौटा बेटा, क्वारंटाइन में मिली मौत की खबर
दुबई से नौकरी छोड़कर अपनी बीमार मां से मिलने एक बेटा आया लेकिन वह अपनी मां से मिल न सका। क्वारंटाइन में रहने के दौरान ही उसकी मां की मौत की खबर मिली
नई दिल्ली, पीटीआइ। दुबई से नौकरी छोड़कर अपनी बीमार मां से मिलने एक बेटा आया, लेकिन वह अपनी मां से नहीं मिल सका। कोरोना वायरस (COVID-19) के कारण क्वारंटाइन में रहने के दौरान ही उसकी मां की मौत की खबर उसे मिली। क्वारंटाइन की अवधि खत्म ही होने वाली थी। ये घटना काफी दिल तोड़ने वाली है। पूरी दुनिया कोरोना का प्रकोप जारी है और इसके कारण लाखों जिंदगियां तबाह हो गई हैं। रोज कोई न कोई ऐसी ही दिल तोड़ने वाली खबर सामने आती है।
बतौर प्रॉडक्ट कंसल्टेंट छह साल से दुबई में कार्यरत 30 साल के आमिर खान ने समाचार एजेंसी पीटीआइ को बताया कि शनिवार को उनकी मां का निधन हो गया और वे रामपुर में अपनी मां के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो पाएंगे। आमिर 13 मई को भारत लौटे थे। उसका क्वारंटाइन जल्द ही समाप्त हो जाएगा, लेकिन उन्हें क्वारंटाइन सेंटर से जाने के लिए अनुमति नहीं मिली।
सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए संशोधित दिशानिर्देशों की घोषणा की
समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार रविवार को उनकी मां के अंतिम संस्कार के दिन, सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए संशोधित दिशानिर्देशों की घोषणा की। इसके अनुसार विदेश से आ रहे लोगों को 14-दिन क्वारंटाइन में रहना होगा। इस अवधि को दो भाग बांट दिया गया है। यात्रियों को सात दिन क्वारंटाइन सेंटर में पैसा देकर रहना होगा और बाकि सात दिन अपने घर पर आइसोलेशन में रहना होगा और खुद से ही अपने सेहत की मॉनिटरिंग करनी होगी।
कुछ मामलों में 14 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन की घोषणा
सरकार द्वारा यह भी घोषणा की गई है कि राज्यों द्वारा मूल्यांकन के अनुसार, संकट, गर्भावस्था, परिवार में मृत्यु, गंभीर बीमारी और 10 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ माता-पिता जैसे असाधारण कारणों से कुछ मामलों में 14 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन की भी अनुमति दी जा सकती है।
मार्च में ही भारत आने वाले थे आमिर
आमिर ने कहा, 'मैंने अधिकारियों को समाचार अपडेट दिखाए ... कि दिशानिर्देशों को संशोधित किया गया है और मुझे जाने दिया जाना चाहिए। मैं सभी सावधानियां बरतने को तैयार था। मैं टेस्ट के लिए तैयार था, लेकिन मेरे पक्ष में कुछ भी काम नहीं किया।' आमिर पहले मार्च में ही भारत आने और अपनी मां के साथ एक महीना बिताने की योजना बनाई थी। उनके मां पिछले साल नवंबर में लिवर सिरोसिस सं पीड़ित होने के बारे में पता चला था।
वायरस से होने वाले भावनात्मक नुकसान हमेशा के लिए हमारे साथ रहेंगे
आमिर ने फोन पर पीटीआइ को दिए इंटरव्यू के दौरान कहा, 'हम वायरस के साथ जीना सीखेंगे, लेकिन इससे होने वाले भावनात्मक नुकसान हमेशा के लिए हमारे साथ रहेंगे। मैंने पिछले दो महीने केवल एक एजेंडे के साथ बिताए, कि मुझे अपनी मां से मिलना है। मैंने इसके लिए सब कुछ दांव पर लगा दिया।लेकिन कोरोना वायरस के तेजी से प्रसार, सख्त क्वारंटाइन नियम और कार्यस्थल जटिलताओं सहित कई बाधाएं थी।
मुझे फोन आया कि मेरी मां का निधन हो गया
उन्होंने भावुक मन से कहा, ' क्वारंटाइन के आठवें दिन, मैंने एसडीएम कार्यालय के प्रतिनिधियों से कहा कि मुझे अपनी मां से मिलने के लिए वास्तव में जाने की जरूरत है। उन्होंने मुझे बताया कि उन्हें विशेष अनुमति लेने की आवश्यकता है। कुछ दिन और बीत गए और मुझे फोन आया कि मेरी मां का निधन हो गया है। मैंने अधिकारियों से अंतिम संस्कार के लिए जाने की गुहार लगाई, लेकिन मुझे इसकी अनुमति नहीं थी।'
नौकरी छोड़ने और घर आकर मां के साथ कुछ महीने गुजारने का फैसला
आमिर को भारतीय दूतावास के लाखों चक्कर काटने के बाद जब उन्हें टिकट मिला, तो कंपनी ने उन्हें केवल 20 दिन की छुट्टी देने की बात कही। उन्होंने बॉस से कहा कि 14 दिन केवल क्वारंटाइन में गुजर जाएंगे। फ्लाइट सर्विसेज शुरू होने और उनके वापस लौटने को लेकर अनिश्चिता थी। इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ने और घर आकर मां के साथ कुछ महीने गुजारने का फैसला किया।