Move to Jagran APP

ICMR ने हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल का दायरा बढ़ाया, अब ये लोग भी कर सकते हैं इस्‍तेमाल

भारतीय आयुर्विज्ञान शोध परिषद (आइसीएमआर) ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) के उपयोग पर संशोधित परामर्श दिया है।

By Tilak RajEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 09:56 AM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 10:04 AM (IST)
ICMR ने हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल का दायरा बढ़ाया, अब ये लोग भी कर सकते हैं इस्‍तेमाल
ICMR ने हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल का दायरा बढ़ाया, अब ये लोग भी कर सकते हैं इस्‍तेमाल

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। भारतीय आयुर्विज्ञान शोध परिषद (आइसीएमआर) ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) के उपयोग पर संशोधित परामर्श दिया है। आइसीएमआर द्वारा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के दायरे को बढ़ाते हुए गैर-कोविड-19 अस्पतालों में काम करने वाले स्पर्शोन्मुख स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के अलावा अन्‍य कई अन्‍य क्षेत्रों के कर्मियों को भी लेने की सलाह दी है। दरअसल, सरकार ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को एक निवारक दवा के रूप में उपयोग करने की सिफारिश की है। सरकार द्वारा संशोधित एडवाइजरी में गैर-कोविड-19 अस्पतालों में काम करने वाले एसिम्प्टमेटिक हेल्थकेयर, कंटेनमेंट जोन में निगरानी क्षेत्र में तैनात फ्रंटलाइन वर्कर्स और कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़ी गतिविधियों में शामिल पुलिस और अर्धसैनिक बलों को हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा ले सकते हैं।

loksabha election banner

बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की अध्यक्षता में संयुक्त निगरानी समूह और एम्स, आइसीएमआर, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी, डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के अस्पतालों से जुड़े विशेषज्ञों की कोरोना प्रभावित और गैर-कोरोना प्रभावित इलाकों में काम करने वाले सभी स्वास्थ्यकर्मियों को इस दवा का उपयोग करने को लेकर समीक्षा बैठक में सिफारिश के बाद यह एडवाइजरी जारी की गई।

हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल आने वाली दवा है। भारत में स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना से बचाव के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्ववीन के इस्तेमाल की इजाजत पहले ही दे दी थी और अब सरकार ने इसके इस्तेमाल का दायरा बढ़ा दिया है। दरअसल, कोरोना वायरस की कोई भी वैक्‍सीन या दवा अभी तक इजाद नहीं हुई है। ऐसे में वैकल्पिक दवाओं के इस्‍तेमाल से ही रोगियों को ठीक किया जा रहा है। हेल्‍थकेयर वर्कर्स को भी संक्रमण से बचाने के लिए अब हाइड्रोक्सीक्लोरोक्ववीन के इस्‍तेमाल की अनुक‍मति सरकार ने दे दी है।

लैंसेट ने गिनाए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के नुकसान

भारत ने जहां हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्‍तेमाल का दायरा बढ़ा दिया है, वहीं स्वास्थ्य के क्षेत्र में दुनियाभर के रिसर्च प्रकाशित करने वाली मशहूर पत्रिका द लैंसेट का कहना है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन से फायदा मिलने का कोई सबूत नहीं मिला है। साथ ही यह भी दावा किया है कि इसके इस्‍तेमाल से कोरोना मरीजों की मृत्‍युदर बढ़ गई है। हालांकि, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर अमेरिका तक ने सकारात्‍मक रुख अपनाया है।

ट्रंप भी ले रहे हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में खुलासा किया था कि वह कोरोना वायरस से बचाव के लिए जिंक के साथ मलेरिया रोधी दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन ले रहे हैं। इससे पहले अमेरिका सरकार के विशेषज्ञों ने भी कहा था कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन कोरोना वायरस के संक्रमण से होने वाली बीमारी कोविड-19 के इलाज में कारगर नहीं है। ऐसे में पूरे विश्‍व में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर भ्रम की स्थिति साफ नहीं हुई है। हालांकि, इस बीच भारत सरकार ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन पर अपना भरोसा बढ़ा दिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.