Coronavirus in India: मास्क की मनमानी कीमत से परेशान न हो, सरकार उठाने जा रही बड़ा कदम
उद्यमियों के मुताबिक 100 एमएल के सेनीटाइजर की फैक्ट्री कीमत 25-27 रुपए है। लेकिन बाजार में इसे 200-250 रुपए तक में बेचा जा रहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली।सरकार जल्द ही मास्क व सेनीटाइजर की अधिकतम कीमत तय कर देगी। मंगलवार को मास्क व सेनीेटाइजर की कीमत पर नियंत्रण के लिए कई मंत्रालयों के अधिकारियों के बीच बैठक आयोजित की गई। बैठक में स्वास्थ्य, वाणिज्य एवं उद्योग, टेक्सटाइल मंत्रालयों के साथ एनपीपीए के अधिकारी शामिल हुए। मास्क व सेनीटाइजर बनाने वाले उद्यमियों के प्रतिनिधियों ने भी बैठक में हिस्सा लिया। मास्क व सेनीटाइजर की कालाबाजारी रोकने के लिए सरकार पहले ही इन वस्तुओं को आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में रख चुकी है। इन वस्तुओं की कालाबाजारी में पकड़े जाने वालों को सात साल तक की सजा का भी प्रावधान किया गया है। मंगलवार को आयोजित बैठक में शामिल एक अधिकारी के मुताबिक मनमानी कीमत को लेकर गहन विचार-विमर्श किया गया, लेकिन मास्क उद्यमियों के एक एसोसिएशन ने यह सवाल उठा दिया कि मास्क से जुड़े कच्चे माल का अब भी निर्यात हो रहा है। पहले उस पर पाबंदी लगाई जाए फिर मास्क की अधिकतम कीमत तय हो। माना जा रहा है कि दो-तीन दिनों में कीमत का फैसला हो जाएगा। मास्क एवं सेनीटाइजर की मनमानी कीमत पर रोक के लिए इन दोनों वस्तुओं को ड्रग्स का दर्जा दिया जा सकता है। ड्रग्स का दर्जा मिलते ही इसकी कीमत नेशनल फार्मास्यूटिकल्स प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) द्वारा तय होगी और उस कीमत से अधिक दाम पर इसे बाजार में नहीं बेचा जा सकेगा। कोरोना फैलने से पहले तक हमारे देश में 10 लाख मास्क बनते थे। लेकिन भारत में कोरोना के मरीजों में बढ़ोतरी को देखते हुए मास्क की मांग करोड़ में पहुंचने का अनुमान है। उद्यमियों के मुताबिक 100 एमएल के सेनीटाइजर की फैक्ट्री कीमत 25-27 रुपए है। लेकिन बाजार में इसे 200-250 रुपए तक में बेचा जा रहा है। इसकी अधिकतम खुदरा कीमत (एमआरपी) 80-90 रुपए तक होनी चाहिए। वैसे ही, 3 प्लाइ तक के मास्क की फैक्ट्री कीमत महज एक रुपया है जबकि इसे खुदरा बाजार में 25-50 रुपए तक में बेचा जा रहा है। इसकी अधिकतम कीमत 5 रुपए तक हो सकती है।