Move to Jagran APP

Coronavirus ने छुड़वाई थी नौकरी, अब खुद आत्मनिर्भर बन दूसरों को भी दे रहे रोजगार

वैश्विक स्तर पर जब कोरोना फैलना शुरू हुआ तो तीन साल से बहरीन की एक कंपनी में टेली सपोर्ट इंजीनियर के पद पर सेवा दे रहे हिमांशु को जमी जमाई नौकरी छोड़कर विदिशा लौटना पड़ा।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 09:59 AM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 01:49 PM (IST)
Coronavirus ने छुड़वाई थी नौकरी, अब खुद आत्मनिर्भर बन दूसरों को भी दे रहे रोजगार
Coronavirus ने छुड़वाई थी नौकरी, अब खुद आत्मनिर्भर बन दूसरों को भी दे रहे रोजगार

अजय जैन, विदिशा। Coronavirus Outbreak मध्य प्रदेश के विदिशा जिला निवासी टेली सपोर्ट इंजीनियर हिमांशु जैन की नौकरी कोरोना संकट के चलते चली गई, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। साबित कर दिखाया कि हौसला हो तो आपदा में भी अवसर ढूंढे जा सकते हैं। वैश्विक स्तर पर जब कोरोना फैलना शुरू हुआ तो तीन साल से बहरीन की एक कंपनी में टेली सपोर्ट इंजीनियर के पद पर सेवा दे रहे हिमांशु को जमी जमाई नौकरी छोड़कर विदिशा लौटना पड़ा। विपरीत हालात में भी निराश होने की जगह उन्होंने ऐसा कुछ करने की ठानी, जिससे खुद आत्मनिर्भर बनें और दूसरों को भी रोजगार दे सकें।

loksabha election banner

अपनी योग्यता और कौशल का सदुपयोग उन्होंने बड़ी ही सूझबूझ के साथ किया। योजना बनाकर आगे बढ़े और खुद की टेली सॉफ्टवेयर कंपनी खड़ी करने के लिए प्रधानमंत्री युवा स्वरोजगार योजना से 22 लाख रुपये का ऋण मंजूर कराया। तीन महीने में टेली साफ्टवेयर कंपनी भी खड़ी कर दी और लॉकडाउन की अवधि में ही कंपनी में आठ लोगों को रोजगार भी दिया। इसके अलावा शहर के करीब 50 युवाओं को प्रशिक्षण भी दिया है। इनमें से अब 12 युवा टेली अकाउंटिंग इत्यादि के जरिये अपनी आजीविका चला रहे हैं।

हिमांशु बताते हैं कि खुद की कंपनी खड़ी करने के बाद लॉकडाउन में सबसे बड़ी चुनौती इसे चलाने की थी, ग्राहक चाहिए थे। इसके लिए उन्होंने महीनेभर तक जिलेभर के कारोबारियों से वेबिनार के जरिये चर्चा की। चर्चा में कारोबारियों ने बताया कि उनके सामने समस्या ये है कि उनकी दुकानों का हिसाब-किताब दुकानों में संचालित कंप्यूटर सिस्टम से ही चलता है। लॉकडाउन में इन्हें संचालित करने में कठिनाई आ रही थी। इस समस्या को दूर करने के लिए ऐसे सॉफ्टवेयर की जरूरत बताई, जिसे कहीं से भी ऑपरेट किया जा सके। हिमांशु ने जरूरत को समझते हुए एक मोबाइल एप तैयार कर दिया। इसे कारोबारियों ने जमकर सराहा। इसी अवधि में उन्होंने जीएसटी पर आधारित सॉफ्टवेयर भी तैयार किया। इसका नतीजा यह रहा कि लॉकडाउन में भी उनका काम चल निकला।

हिमांशु के साथ उनका सहयोगी स्टाफ लॉकडाउन में वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था में काम करता रहा। इस कंपनी में उन्होंने आठ लोगों को रोजगार दिया। शुरुआती दौर में उनकी कंपनी से काफी कम ग्राहक जुड़े थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़ गई है। कंपनी कारोबारियों की सुविधा के हिसाब से अकाउंटिंग से लेकर जीएटी और अन्य गणनाओं-रिकॉर्ड के लिए सॉफ्टवेयर बनाकर दे रही है। अनलॉक-1 में कंपनी के कारोबार को और गति मिल गई है।

लॉकडाउन के बाद स्थानीय कारोबारियों के तौर- तरीकों में भी काफी बदलाव आया है। इसी बदलाव को समझने और जरूरत के मुताबिक सॉफ्टवेयर तैयार करने का काम हम कर रहे हैं। यह समय हमारे लिए कुछ नया करने का अवसर लेकर आया है।

- हिमांशु जैन, संचालक, टेली सॉफ्टवेयर कंपनी विदिशा

वेबिनार के माध्यम से हिमांशु से चर्चा हुई। कारोबार में हिसाब-किताब के लिए सॉफ्टवेयर को लेकर हमने अपनी समस्या बताई थी। इन्होंने वर्किंग फार्मेट के अनुसार सॉफ्टवेयर तैयार करके दिया। इससे काम आसान हुआ और कारोबार की मुश्किलें दूर हुईं।

- चंद्रमोहन बंसल, व्यवसायी, विदिशा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.