कोरोना संकट में गरीबों की रसोई को मजबूत बना रहा FCI, दो दिनों में भेजा 3.5 लाख टन अनाज
पिछले दो दिनों में ही एफसीआई ने मालगाड़ी के एक सौ से अधिक रैक्स से साढ़े तीन लाख टन अनाज विभिन्न राज्यों को रवाना कर दिया है जिसमें गेहूं व चावल शामिल है।
सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन की चुनौतियों से निपटने में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की भूमिका अहम है। गरीबों और वंचित तबके के लोगों को राहत पैकेज की घोषणा में शामिल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पर एफसीआई ने अमल शुरु कर दिया है। वित्त वर्ष 2020-21 के पहले दो दिनों में ही रेल की मालगाड़ी के एक सौ से अधिक रैक्स से साढ़े तीन लाख टन अनाज विभिन्न राज्यों को रवाना कर दिया है, जिसमें गेहूं व चावल दोनों शामिल है।
एफसीआई के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि तीन सप्ताह के लॉकडाउन की घोषणा के दिन 24 मार्च 2020 से अब तक रेलगाड़ी के 400 रैक्स के मार्फत 11 लाख टन से अधिक खाद्यान्न की ढुलाई हो चुकी है। यह अनाज राज्यों की मांगों पर एफसीआई के विभिन्न गोदामों से उनके स्थलों को रवाना किये जा चुके हैं। कोरोना के कारण लागू लाकडाउन में राज्यों में खाद्यान्न की भारी मांग को पूरा करने के लिए रेल की माल गाड़ियों को सहारा लिया जा रहा है। इसीलिए सरकार ने जहां सभी तरह की यात्री गाड़ियों का संचालन स्थगित कर दिया है वहीं माल ढुलाई को सुनिश्चित करने के लिए रेलगाडियां बेखौफ चलाई जा रही हैं।
इस व्यवस्था को और पुख्ता बनाने के लिए ट्रकों का संचालन जिला मुख्यालयों के साथ पीडीएस की दुकानों तक चलाई जा रही है।लॉकडाउन का फायदा उठाकर जमाखोरी करने वालों पर नकेल कसने और महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार ने एफसीआई को घरेलू खुले जिंस बाजार में खुली बिक्री बढ़ा दी गई है। सभी राज्य सरकारों को अपने यहां की रोलर फ्लोर मिलों को पर्याप्त अनाज की आपूर्ति की जा रही है। ताकि बाजार में चावल व गेहूं जैसे खाद्यान्न की कमी न होने पाये।
दालों की आपूर्ति के लिए भी सरकारी एजेंसी नैफेड को निर्देश दे दिया गया है कि वो अपने दलहन के स्टॉक राज्यवार जानकारी देने के साथ जरूरतमंद राज्यों को दालों की आपूर्ति सुनिश्चित करे। एफसीआई ने 31 मार्च 2020 तक 1.44 लाख टन खाद्यान्न खुले बाजार में ई-नीलामी के मार्फत पहुंचा दिया गया है।
केंद्र ने लाकडाउन के कुप्रभावों को घटाने के लिए राज्यों में स्थित जिला व क्षेत्रीय स्तर पर बने एफसीआई डिपो से सीधे अऩाज उठाने के लिए जिलाधिकारियों को को अधिकृत कर दिया, जो अपने जिलों की जरूरतों के हिसाब से ओएमएसएस के रिजर्व मूल्य पर अऩाज उठा सकते हैं। इससे स्थानीय स्तर पर महंगाई पर काबू पाने में मदद मिलेगी। स्थानीय रोलर फ्लोर मिलों व आटा चक्की वालों को गेहूं की कमी नहीं होने दी गई। एफसीआई के ताजा आंकड़े के मुताबिक 92027 टन गेहूं इस स्कीम के तहत उठाया जा सका है। इसके सकारात्मक परिणाम आये हैं।
राहत पैकेज के तहत पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना में 81 करोड़ लोगों को तीन महीने का अनाज बांटना है। एफसीआई के जारी आंकड़े के मुताबिक 31 मार्च 2020 को उसके स्टॉक में 5.67 करोड़ टन अनाज है। इसमें 3.07 करोड़ टन चावल और 2.60 करोड़ टन गेहूं है, जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत सालभर की जरूरतों को पूरा किया जा सकता है।