ब्रह्माकुमारी संस्था की प्रमुख दादी जानकी के अंतिम संस्कार में भी दिखा कोरोना इफेक्ट, राष्ट्रपति-पीएम ने जताया दुख
funeral of dadi janaki स्वच्छ भारत मिशन की ब्रांड अम्बेसडर राजयोगिनी दादी जानकी के अंतिम संस्कार में भी Coronavirus का Effect साफ तौर पर नजर आया।
जयपुर, जेएनएन। महिलाओं द्वारा संचालित दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक संगठन ब्रह्माकुमारीज संस्थान की मुख्य प्रशासिका तथा स्वच्छ भारत मिशन की ब्रांड अम्बेसडर राजयोगिनी दादी जानकी के अंतिम संस्कार में भी Coronavirus का Effect साफ तौर पर नजर आया।
संस्थान के प्रवक्ता बीके कोमल ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते अंतिम संस्कार में संस्था के कुछ पदाधिकारी और कार्यकर्ता ही शामिल हुए और सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन्सं का पालन किया गया। अंतिम संस्कार में शामिल लोगों ने मास्क पहना हुआ था और उचित दूरी भी बनाए हुई थी। कोमल ने बताया कि लॉकडाउन होने के कारण संस्थान के लेाग दादी के पार्थिव देह पर श्रद्धांजलि अर्पित नहीं कर सके। लेकिन देश विदेश के संस्था से जुड़े लोगों को यूटयूब तथा लाईव टेलिकास्ट के जरिए अंतिम दर्शन कराया गया।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त किया-
राजयोगिनी दादी जानकी के निधन पर देश के राष्ट्पति रामनाथ कोविन्द ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए टवीट किया कि अध्यात्म, समाज कल्याण और विशेष रुप में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उनका योगदान अमूल्य रहा है। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दूसरों का जीवन बदलने में तथा नारी शक्ति के आध्यात्मिक सशक्तिकरण में उनका अमूल्य योगदान रहा है। इनके अलावा लोक सभा स्पीकर ओम बिड़ला, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व गृहमंत्री लालकृष्ण आडवानी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नडडा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान, छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उईके, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केन्द्रिय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेष बघेल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस यदुरप्पा, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, सांसद शशि थरुर सहित बड़ी संख्या में नेता और अभिनेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की है। गौर हो कि दादी जानकी का 104 वर्ष की उम्र में शुक्रवार को निधन हो गया। राजस्थान के माउण्ट आबू के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्हें पिछले दो महीने से सांस तथा पेट की तकलीफ थी। उनका अंतिम संस्कार ब्रह्माकुमारीज के इंटरनेशनल मुख्यालय शांतिवन में सम्मेलन सभागार के सामने स्थित मैदान में किया गया।