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Coronavirus: Aarogya Setu एप में सुरक्षा खामियों को खोजने के लिए 1 लाख के ईनाम की घोषणा

सरकार ने जानकारी दी है कि आरोग्य सेतु एप में बग ढूंढने वाले और इसकी प्रोग्रामिंग को बेहतर बनाने का सुझाव देने वाले लोगों के लिए पुरस्कार की चार श्रेणियां होंगी।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 09:51 AM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 09:51 AM (IST)
Coronavirus: Aarogya Setu एप में सुरक्षा खामियों को खोजने के लिए 1 लाख के ईनाम की घोषणा

नई दिल्ली, प्रेट्र। सरकार ने मंगलवार को आरोग्य सेतु एप में गोपनीयता संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए स्रोत कोड को खोलने की घोषणा की। इसके साथ ही सुरक्षा खामियों को खोजने के लिए इनाम का एलान किया। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र की महानिदेशक नीता वर्मा ने कहा कि एप में बग ढूंढने वाले और इसकी प्रोग्रामिंग को बेहतर बनाने का सुझाव देने वाले लोगों के लिए पुरस्कार की चार श्रेणियां होंगी।  इस प्रोग्राम के तहत Aarogya Setu ऐप में बग खोजने वाले व्यक्ति को एक लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि दुनिया की कोई भी सरकार इस पैमाने पर खुला स्त्रोत नहीं है।

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सरकार ने संपर्क ट्रेसिंग एप द्वारा एकत्रित की जा रही डाटा की गोपनीयता के बारे में चिंताओं को दूर करने के लिए स्त्रोत कोड खोला है।उन्होंने कहा कि पारदर्शिता, गोपनीयता और सुरक्षा आरोग्य सेतु का मुख्य सिद्धांत रहा है। डेवलपर समुदाय के लिए स्त्रोत कोड खोलना भारत सरकार की इन प्रतिबद्धताओं को निरंतर जारी रखने का संकेत देता है।

इस बीच केंद्र सरकार द्वारा कोरोना वायरस की लड़ाई में लॉन्च किए गए कोविड-19 कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप Aarogya Setu के एंड्राइड वर्जन को ओपन सोर्स बना दिया गया है। इसके बाद डेवलपर्स अब इस ऐप को इंस्टपेक्ट और मॉडिफाई कर सकेंगे। बता दें कि Aarogya Setu ऐप के 90 प्रतिशत यूजर्स एंड्राइड प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं। Aarogya Setu ऐप को ओपन सोर्स बनाने की घोषणा नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत द्वारा की गई। 

अमिताभ कांत ने कहा कि 'Aarogya Setu ऐप अब ओपन सोर्स है। इसकी स्थापना के बाद से पारदर्शिता, गोपनीयता और सुरक्षा ऐप के मुख्य डिजाइन सिद्धांत रहे हैं, और डेवलपर कंपनी के लिए इसका स्रोत कोड खोलना भारत सरकार को इन सिद्धांतों के लिए निरंतर प्रतिबद्धता का संकेत देता है।' उन्होंने कहा कि 'हम हमेशा प्रोडक्ट की ओपन सोर्सिंग के लिए प्रतिबद्ध थे। यह अपने आप में ही एक अनोखी बात है, क्योंकि दुनिया में कहीं भी, किसी भी अन्य सरकारी प्रोडक्ट को इस पैमाने पर ओपन सोर्स नहीं बनाया गया है।'


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