दिल्ली में राज्याभिषेक, काशी में जश्न
वाराणसी, जासं। काशी के लिए यह एतिहासिक दिन, एतिहासिक क्षण और बिल्कुल अलग तरह का सोमवार। सांसद नरेंद्र मोदी के रूप में देश को प्रधानमंत्री देने वाली काशी में 26 मई की तारीख 'मोदी महोत्सव' के अलबेले रूप में जुड़ गई। यूं तो दीपावली और होली में अभी समय है लेकिन मोदी की जीत का जश्न यहां कुछ ऐसा मना कि मानो हा
वाराणसी, जासं। काशी के लिए यह एतिहासिक दिन, एतिहासिक क्षण और बिल्कुल अलग तरह का सोमवार। सांसद नरेंद्र मोदी के रूप में देश को प्रधानमंत्री देने वाली काशी में 26 मई की तारीख 'मोदी महोत्सव' के अलबेले रूप में जुड़ गई। यूं तो दीपावली और होली में अभी समय है लेकिन मोदी की जीत का जश्न यहां कुछ ऐसा मना कि मानो होली और दीवाली सोमवार को साथ हो रही हो। मौसम भी काशी के उल्लास में कुछ यूं कदमताल कर रहा था कि दो दिन से बाबा की नगरी में सावन जैसा वातावरण। काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ के दरबार में मत्था टेकने के बाद गंगा में दुग्धाभिषेक से मोदी के शपथ ग्रहण समारोह का जो जश्न शुरू हुआ वह देर रात तक आसमान में रंग-बिरंगी आतिशबाजियों के साथ जारी रहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह को यादगार बनाने के लिए भाजपा के साथ ही काशीवासियों ने भी अपनी तैयारी की थी। मंदिरों में दर्शन-पूजन, रुद्राभिषेक तो घाट पर दीपदान, आतिशबाजी। भाजपा कार्यालय समेत नगर के सभी चौराहों को झालरों, रंगीन बत्तियों, फूल, मालाओं और भाजपा के झंडों से सजाया गया था। सुबह से गली-मुहल्लों में मिठाइयां बांटी जा रही थी तो लोग कचौड़ी-जलेबी का छककर आनंद उठा रहे थे। किसी ने केक कटा तो कहीं शीतल पेय, लस्सी और नमो चाय पिलाई जा रही थी।
यूं तो गंगा किनारे घाट पर प्रतिदिन शाम को मेले सा माहौल रहता है लेकिन सोमवार की शाम कुछ अलग ही छटा बिखरी थी। घाट पर सैलानी कम मोदी समर्थक अधिक नजर आ रहे थे। शपथ ग्रहण समारोह को देखने के लिए शहर के विभिन्न स्थानों और गंगा घाटों पर बड़ी स्क्रीन वाली टीवी, प्रोजेक्टर लगे थे। मैदागिन समेत विभिन्न इलाकों में शाम ढलते ही ढोल-नगाड़ों की थाप पर समर्थक मस्ती में झूम रहे थे। गंगा आरती के दौरान मोदी सरकार की सफलता के लिए प्रार्थना की गई। घाट पर जुटे विभिन्न सामाजिक संगठनों ने गरीबों को भोजन, वस्त्र वितरित कर लोक संगीत की धुन पर झूमते हुए जश्न मनाया। भाजपा समर्थकों ने दीपदान किया।