Move to Jagran APP

सीरम ने कोविशील्ड की कीमत घटाई, राज्यों को अब 300 रुपए में मिलेगी यह कोरोना वैक्सीन

बता दें कि इससे पहले देश में कोरोना वैक्सीन बनाने वाली दोनों कंपनियों सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एसआइआइ) और भारत बायोटेक की ओर से राज्यों और निजी अस्पतालों को अधिक कीमतों पर वैक्सीन देने के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने हस्तक्षेप किया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 28 Apr 2021 06:13 PM (IST)Updated: Thu, 29 Apr 2021 07:03 AM (IST)
सीरम ने कोविशील्ड की कीमत घटाई, राज्यों को अब 300 रुपए में मिलेगी यह कोरोना वैक्सीन
सीरम इंस्टीट्यूट ने वैक्सीन की कीमतें राज्य सरकार के लिए कम कर दी हैं। (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, एजेंसी। कोविशील्ड बना रही सीरम इंस्टीट्यूट ने वैक्सीन की कीमतें राज्य सरकार के लिए कम कर दी हैं। सीरम के सीईओ अदार पूनावाला ने ट्वीट कर बताया कि अब राज्यों को वैक्सीन की एक डोज 400 रुपए की जगह 300 रुपए में दी जाएगी। इससे पहले देश में कोरोना वैक्सीन बनाने वाली दोनों कंपनियों सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआइआइ) और भारत बायोटेक की ओर से राज्यों और निजी अस्पतालों को अधिक कीमतों पर वैक्सीन देने के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने हस्तक्षेप किया है। सूत्रों के अनुसार, सोमवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में वैक्सीन की कीमतों को लेकर हुई लंबी बैठक में तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई और उसके बाद कंपनियों से अपनी कीमतें कम करने को कहा गया था।

loksabha election banner

सीआइआइ ने भारत में अपनी वैक्सीन कोविशील्ड की कीमत केंद्र सरकार के लिए 150 रुपये, राज्यों के लिए 400 रुपये और खुले बाजार के लिए 600 रुपये प्रति डोज तय की। इसके बाद भारत बायोटेक ने शनिवार को बताया कि उसकी कोवैक्सीन की कीमत राज्यों के लिए 600 रुपये, निजी क्षेत्र के लिए 1,200 रुपये और निर्यात के लिए 15 से 20 डालर प्रति डोज होगी। कोवैक्सीन भी केंद्र सरकार के लिए 150 रुपये प्रति डोज की दर से उपलब्ध है। हालांकि, दोनों कंपनियों ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि केंद्र सरकार के लिए कम कीमत इसलिए थी, क्योंकि उसने एडवांस पेमेंट किया था और उस वक्त वैक्सीन को लेकर पूरा अध्ययन भी नहीं हुआ था।

बता दें कि एक मई, 2021 से देश में 18 वर्ष से ज्यादा आयु वर्ग के लोगों को वैक्सीन लगाने का अभियान शुरू होने जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार ने कंपनियों को वैक्सीन आपूर्ति में ढील भी देने का एलान किया है। कंपनियों से कहा गया है कि वे 50 फीसद वैक्सीन केंद्र को दें, शेष 50 फीसद वे राज्य सरकारों या निजी सेक्टर को खुले बाजार में बेचने को स्वतंत्र होंगी। पहले केंद्र ने कहा था कि जो भी कीमतें कंपनियां तय करेंगी उसका एलान उन्हें पहले करना होगा ताकि इस बारे में पूरी पारदर्शिता हो।

केंद्र का यह भी मानना है कि जब राज्यों और निजी सेक्टर से बड़ी संख्या में वैक्सीन की मांग आएगी तो इससे कीमतें नीचे लाने में मदद मिलेगी। यह संभावना एसआइआइ और भारत बायोटेक के प्रमुखों ने भी हाल में जताई थी।केंद्र सरकार का यह भी मानना है कि भविष्य में कुछ और वैक्सीन निर्माता कंपनियों के आने से भारत में कीमतें कुछ और नीचे जा सकती हैं।

रूस की स्पुतनिक वैक्सीन का निर्माण व आयात डा. रेड्डीज मई से शुरू करने जा रही है। कंपनी ने कहा है कि भारतीय बाजार में इसकी एक डोज की अधिकतम कीमत 10 डालर (तकरीबन 750 रुपये) हो सकती है। इसी तरह अमेरिकी कंपनी फाइजर ने सरकार को आश्वस्त किया है कि अगर उसे भारत में वैक्सीन बनाने की इजाजत मिली और सरकारी खरीद होती है तो वह नाट फार प्राफिट मार्जिन (बिना मुनाफा कमाये) पर देने को तैयार है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.