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कोरोना संक्रमित के 'सिर्फ देखने' से नहीं होंगे शिकार, आंखों में कई दिन जिंदा रह सकता है वायरस

डॉ. परवेज खान ने बताया कि यह राहत की बात है कि अगर किसी व्यक्ति की आंखों में कोरोना वायरस का संक्रमण है तो वह दूसरे व्यक्ति को अपनी आंखों से देखकर संक्रमित नहीं कर सकता...

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 12 May 2020 10:39 AM (IST)Updated: Tue, 12 May 2020 10:54 AM (IST)
कोरोना संक्रमित के 'सिर्फ देखने' से नहीं होंगे शिकार, आंखों में कई दिन जिंदा रह सकता है वायरस

नई दिल्ली। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज के संपर्क में आने वाला स्वस्थ व्यक्ति जरा सी असावधानी में संक्रमित हो जाता है। ऐसे रोगियों के थूकने, छींकने या अन्य माध्यमों से फैलने वाली इस बीमारी (कोविड-19) का वायरस मुंह, नाक और आंखों से शरीर में प्रवेश करता है, इसीलिए चिकित्सक बार- बार इस बात के लिए प्रेरित कर रहे हैं कि कुछ भी करने से पहले हाथ धोना न भूलें।

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बतौर सावधानी हमें मास्क लगाने के साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना है कि मुंह, नाक या आंखों में हाथों को लगाने से बचना है, क्योंकि यह इतना सक्रिय वायरस है कि इन तीनों में से किसी भी माध्यम से संक्रमित कर सकता है। जानें क्या कहते है कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. परवेज खान

आंखों में कई दिन जिंदा रह सकता है वायरस : ऐसा तो पाया गया है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ मनुष्य की आंखें इस वायरस का शिकार हो सकती हैं लेकिन यदि किसी व्यक्ति की आंखें कोरोना वायरस से संक्रमित हैं तो उसके किसी दूसरे व्यक्ति को देखने भर से इसका संक्रमण नहीं होता। अभी तक के नतीजों के अनुसार संक्रमित व्यक्ति की आंख में यह वायरस कई दिन तक रह सकता है। जिसके कारण आंखों में खुजली, हल्का पानी आना, दर्द और लालिमा की समस्या होती है। अगर आंख द्वारा संक्रमण हुआ है तो भी जांच का तरीका नाक व मुंह से सैंपल लेने वाला ही होता है।

आंखों को रगड़ने से बचें : इस सीजन में आंखों की मुख्य बीमारियों में कंजक्टिवायटिस, पॉलीकुलर कंजक्टिवायटिस, एलर्जी, स्प्रिंगकटर आदि शामिल हैं। इनके लक्षणों में भी काफी समानता होती है, इसलिए यदि इस तरह की कोई समस्या है तो घबराएं नहीं, चिकित्सक की सलाह लें। ऐसे लक्षण होने का मतलब यह नहीं है कि आप कोरोना से संक्रमित हैं। इस तरह की कुछ भी समस्या है तो आंखों को रगड़ने से बचें और ठंडे पानी से दिन में तीन-चार बार आंखों को धुलें। अच्छी किस्म के चश्मे का प्रयोग अवश्य करें। यह आंखों को कई तरह के वायरल संक्रमण से बचाएगा।

अभी तक वुहान और इटली को छोड़कर कोरोना वायरस के आंखों में संक्रमण के मामले हमारे देश में नहीं पाए गए हैं। पर लंबे समय तक आंख में रहने के कारण इस वायरस का खतरा नेत्र चिकित्सकों के लिए जरूर है। दरअसल आंखों की जांचों में चिकित्सक को मरीज की आंख को बहुत करीब से देखना पड़ता है, जिससे संक्रमण होने की संभावना काफी बन जाती है।


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