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4G Internet: जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट स्पीड पर नियंत्रण आंतरिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी

अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि 4जी इंटरनेट नहीं शुरू किया जा सकता। इससे आंतरिक सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 04 May 2020 08:20 PM (IST)Updated: Mon, 04 May 2020 08:20 PM (IST)
4G Internet: जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट स्पीड पर नियंत्रण आंतरिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी
4G Internet: जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट स्पीड पर नियंत्रण आंतरिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर में 4जी इंटरनेट की मांग का विरोध करते हुए कहा कि यह आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है। राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है और उसका ख्याल रखा जाना चाहिए। सरकार ने यह भी कहा कि 4जी इंटरनेट स्पीड का आतंकी दुरुपयोग कर सकते हैं इससे सेना के मूवमेंट को ट्रैक किया जा सकता है। सरकार ने हाल की आतंकी घटना का भी जिक्र किया।

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याचिकाकर्ताओं ने कहा- वर्ष 1990 में तो 4जी नहीं था, लेकिन आतंकवाद तो तब भी था 

वहीं दूसरी ओर याचिकाकर्ताओं ने 4जी इंटरनेट की मांग करते हुए कहा कि वर्ष 1990 में तो 4जी नहीं था आतंकवाद तो तब भी था। सरकार 4जी का आतंकवाद से कोई सीधा कनेक्शन नहीं बता पाई है।

इंटरनेट की 4जी स्पीड नहीं होने से छात्रों की पढ़ाई, डॉक्टरों से सलाह लेना प्रभावित हो रहा है

याचिकाकर्ताओं ने कहा इस समय महामारी फैली हुई है इंटरनेट की 4जी स्पीड नहीं होने से छात्रों की पढ़ाई और मरीजों का डॉक्टरों से सलाह लेना प्रभावित हो रहा है। बड़े वीडियो डाउन लोड नहीं हो पाते। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने की वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए मामले पर सुनवाई

जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए मामले पर सुनवाई की। कोर्ट ने दोनों पक्षों की लंबी बहस सुनी। कोर्ट ने कहा कि वह याचिकाकर्ता के स्वास्थ्य के अधिकार और सरकार के सुरक्षा की दलील के बीच संतुलन स्थापित करते हुए कानूनी सवाल पर विचार करेंगे।

अभी फिलहाल जम्मू कश्मीर में सिर्फ 2जी स्पीड की इजाजत है

सुप्रीम कोर्ट में कुछ जनहित याचिकाएं दाखिल हुई हैं जिनमें स्वास्थ्य और बच्चों की पढ़ाई की दुहाई देते हुए मोबाइल पर इंटरनेट की 4जी स्पीड देने की मांग की गई है। अभी फिलहाल जम्मू कश्मीर में सिर्फ 2जी स्पीड की इजाजत है।

कोरोना महामारी के दौरान 4जी के बिना लोग डॉक्टरों से सलाह नहीं ले पा रहे हैं

सोमवार को याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हुफैजा अहमदी और सलमान खुर्शीद ने 4जी की मांग करते हुए कहा कि लोग वीडियो काल के जरिये डॉक्टरों से जरूरी सलाह नहीं ले पा रहे हैं। डॉक्टरों तक नहीं पहुंच पाना जीवन के अधिकार का उल्लंघन है। उन्होंने जम्मू कश्मीर में कोरोना संक्रमण के आंकड़े देते हुए कहा कि इस महामारी के दौरान लोगों को डॉक्टरों से सलाह लेने की सुविधा मिलनी चाहिए। सलमान खुर्शीद ने छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होने की बात कही।

अटार्नी जनरल ने कहा- 4जी इंटरनेट नहीं शुरू किया जा सकता, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है

दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सभी जरूरी सुविधाएं और चिकित्सा सुविधाएं लोगों को उपलब्ध हैं। जरूरी सेवाएं 2जी से चल रही हैं। केंद्र की ओर से पेश अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि 4जी इंटरनेट नहीं शुरू किया जा सकता। इससे आंतरिक सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। वेणुगोपाल ने कहा कि देश की संप्रभुता से जुड़े मुद्दों पर सार्वजनिक तौर पर बहस नहीं होनी चाहिए। कोर्ट मे इस पर बहस नहीं होनी चाहिए। ये नीतिगत मामला है।

कोर्ट ने सरकार से सवाल किया कि क्या रिव्यू कमेटी स्थिति की समीक्षा करती है जैसा की कोर्ट ने आदेश दिया था। मेहता ने कहा कि समीक्षा के बाद ही फैसला लिया जाता है।


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