उपभोक्ता आयोग ने इंडिगो एयरलाइंस को दिया 20 हजार का हर्जाना देने का आदेश
विमान में सवार होने से रह गए चार व्यक्तियों के परिवार को 20 हजार रुपये अदा करने का आदेश दिया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कहा है कि अगर कोई यात्री विमान में सवार होने से छूट गया है तो रात में उसके ठहराव का प्रबंध और भोजन की व्यवस्था करना एयरलाइंस का दायित्व है। आयोग ने इंडिगो की दोषपूर्ण सेवा की वजह से विमान में सवार होने से रह गए चार व्यक्तियों के परिवार को 20 हजार रुपये अदा करने का आदेश दिया है।
आयोग ने यह आदेश त्रिपुरा राज्य आयोग के फैसले के खिलाफ दायर कल्पना रानी देबबर्मा और उनके परिवार की याचिका पर दिया है। कल्पना, उनके पति और दो नाबालिग पुत्रों ने पिछले साल इंडिगो एयरलाइंस के कोलकाता से अगरतला जाने के टिकट खरीदे थे।
भोजन और ठहरने की व्यवस्था करना एयरलाइंस का दायित्व
एयरलाइंस ने उन्हें बोर्डिग पास भी जारी किए थे। कल्पना का दावा है कि एयरपोर्ट परिसर में होने के बावजूद इंडिगो का विमान बिना सूचना के उनके परिवार को छोड़कर चला गया। जब वह इसकी लिखित शिकायत करने गईं तो एयरपोर्ट स्टॉफ ने उनके टिकट भी छीन लिए। लिहाजा उनके परिवार को होटल में ठहराना पड़ा और अगले दिन के नए टिकट खरीदने पड़े।
एयरलाइंस का कहना था कि नियमित अंतराल पर विमान रवानगी के बारे में घोषणाएं की गई थीं, लेकिन यात्रियों ने बोर्डिग गेट पर रिपोर्ट नहीं किया। लेकिन आयोग ने एयरलाइंस की दलीलें स्वीकार नहीं कीं।