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कनाडा सरसों को बांग्लादेशी बताने के षडयंत्र का पर्दाफाश

बांग्लादेश से आयातित सरसों तेल पर नहीं लगता सीमा शुल्क। कनाडा के केनोला ऑयल को बांग्लादेशी बताकर ला रहे थे भारत। ड्राइवरों के नाम पर कंपनी श्रमिकों के नाम पर सारा काम।

By Nitin AroraEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 09:03 AM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 09:03 AM (IST)
कनाडा सरसों को बांग्लादेशी बताने के षडयंत्र का पर्दाफाश
कनाडा सरसों को बांग्लादेशी बताने के षडयंत्र का पर्दाफाश

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कनाडा के केनोला ऑयल को बांग्लादेशी सरसों का तेल बताकर आयात करने वाले एक बड़े गैंग का पर्दाफाश राजस्व ब्यूरो विभाग (डीआरआइ) ने किया है। इस गैंग के शातिराना अंदाज का पता इस बात से लगाया जा सकता है कि एक कंपनी के उपर एक कंपनी की लेयर बना रखी थी और आयात करने वाली मुख्य कंपनी के निदेशक के पद पर अपने ड्राइवरों व श्रमिकों को बिठा रखा था।

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इन्हें बखूबी मालूम है कि देश में अमेरिका व कनाडा के केनोला ऑयल की मांग बढ़ रही है। लेकिन इसके आयात पर 35 फीसद के शुल्क से बचने के लिए वे इनका आयात बांग्लादेश के जरिये करते थे और इसे बांग्लादेशी सरसों बताते थे। दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार समझौते (साफ्टा) के मुताबिक बांग्लादेश से कई तरह के उत्पाद बिना शुल्क दिए ही लाए जाते हैं। इन्होंने सिर्फ दो महीनों में सरकार को 25 करोड़ रुपये के राजस्व की चपत लगाई है।

डीआरआइ के सूत्रों के मुताबिक भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित गोजाधंगा पोस्ट पर अचानक ही सफेद सरसों, पीली सरसों का आयात बढ़ने से उनका संदेह बढ़ा। पिछले वर्ष दिसंबर और इस वर्ष जनवरी में इनका 15 हजार टन आयात किया गया।

जांच करने पर पता चला कि पहले कभी इनका आयात यहां से नहीं किया गया। यह बात भी सामने आई कि देश में अभी तक सालाना इनका आयात महज 500-1,500 टन होता रहा है। लेकिन अब अचानक ही दो महीनों में ही 10 गुना आयात हो चुका था। ये उत्पाद बेंगानी कमोडिटीज नाम की कंपनी आयात कर रही थी और यह कंपनी एक कार्टेल बनाकर काम कर रही थी।

लेकिन जांच एजेंसियों को बड़ी जानकारी मिलनी अभी बाकी थी। इस वर्ष आठ फरवरी को जब छापेमारी की गई और कंपनी के गोदाम पकड़े गए तो यह बात सामने आई कि कंपनी को चलाने वालों और मालिक के नाम में कोई समानता नहीं है। संभवत: बंगाल में कार्टेल में गनेट ट्रेडर्स के नाम से एक आयातक फर्म सामने आया। इसके सुरेश हलदर व पवन शा नामक दो निदेशक बताए गए।

कंपनी के कागजों में इन्हें बस सातवीं व 10वीं पास बताया गया है। जांच आगे बढ़ी तो यह बात सामने आई कि किसी प्रदीप्तो मजूमदार की सौविक एक्सपो‌र्ट्स नाम की एक दूसरी कंपनी गनेट ट्रेडर्स को चलाती है। हलदर व शा दोनो प्रदीप्तो मजूमदार के ड्राइवर हैं। जिस व्यक्ति को कंपनी के रोजाना कामकाज की जिम्मेदारी कागजों में दी गई थी वह एक अशिक्षित और असल में कंपनी में काम करने वाला एक श्रमिक था। बहरहाल, अब इस ग्रुप का पर्दाफाश हो गया है और डीआरआइ के सूत्रों का कहना है कि इस तरह के दूसरे तमाम गिरोहों पर भी जल्द ही कानून का चाबुक चलेगा।


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