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कहीं पीएम मोदी पर मणिशंकर अय्यर का बयान तो कांग्रेस पर नहीं पड़ गया भारी...!

अगर मणिशंकर अय्यर 'नीच' वाला बयान नहीं देते, तो शायद गुजरात विधानसभा चुनावों के नतीजे कुछ और हो सकते थे।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 18 Dec 2017 03:45 PM (IST)Updated: Mon, 18 Dec 2017 04:44 PM (IST)
कहीं पीएम मोदी पर मणिशंकर अय्यर का बयान तो कांग्रेस पर नहीं पड़ गया भारी...!
कहीं पीएम मोदी पर मणिशंकर अय्यर का बयान तो कांग्रेस पर नहीं पड़ गया भारी...!

नई दिल्‍ली, जेएनएन। राहुल गांधी ने गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए काफी मेहनत की, इसमें कोई दो राय नहीं है। गुजरात की राजनीति पर नजर रखने वाले भी इससे इत्‍तेफाक रखते हैं। एक समय तो राहुल गांधी ने ऐसा माहौल बना दिया था, जिससे लगा कि गुजरात चुनाव के नतीजे कांग्रेस के पक्ष में आ सकते हैं। गुजरात चुनाव के पहले चरण तक पलड़ा कांग्रेस का भारी लग रहा था, लेकिन मणिशंकर अय्यर के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'नीच' कहने वाले बयान ने दूसरे चरण में भाजपा को ऐसा मुद्दा दिया, जिससे खेल बदल गया।

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गुजरात विधानसभा चुनाव कांग्रेस और भाजपा के लिए साख का विषय बन गया था। राहुल गांधी ने इन चुनावों के लिए पूरा जोर लगा दिया था। ये दिखाई भी दे रहा था, जिसे भाजपा ने भी भांप लिया था। यही वजह थी कि पीएम मोदी ने अपने सभी दिग्‍गज नेताओं को गुजरात चुनावों के प्रचार में लगा दिया था। उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ से लेकर सुषमा स्‍वराज तक ने गुजरात में दर्जनों रैलियां की। खुद पीएम मोदी ने गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए 42 हजार किलोमीटर की यात्रा की।

दरअसल, भाजपा को इस बात का भी अहसास था कि कांग्रेस को एंटी इनकमबेंसी फैक्‍टर का लाभ मिल सकता है। यही वजह थी कि पहले फेज में जहां राहुल गांधी ने सिर्फ 11 रैलियों को संबोधित किया था, वहीं मोदी ने 19 रैलियों को संबोधित किया। राहुल अपनी हर रैली में बड़े आत्‍मविश्‍वास के साथ ये दावा कर रहे थे कि कांग्रेस गुजरात विधानसभा चुनाव जीत रही है और जनता नोटबंदी, जीएसटी और महंगाई जैसे मुद्दों से परेशान है। राजनीति के कुछ जानकारों को भी ऐसा लगने लगा था कि कहीं गुजरात में कांग्रेस कोई बड़ा उलटफेर कर सकती है। ऐसे में गुजरात विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस के बीच पहले चरण के लिए मतदान होने के बाद कांटे की टक्‍कर नजर आ रही थी।

लेकिन इस बीच मणिशंकर अय्यर ने एक ऐसा विवादित बयान दे डाला, जिसे भाजपा ने मुद्दा बनाया और कांग्रेस को इसका खामियाजा उठाना पड़ा। मणिशंकर ने कहा था, 'ये आदमी बहुत नीच किस्म का है। इसमें कोई सभ्यता नहीं है। ऐसे मौके पर इस किस्म की गंदी राजनीति करने की क्या आवश्यकता है?' भाजपा मणिशंकर के इस बयान को मुद्दा बना लिया। पीएम मोदी ने अपनी कई रैलियों में इस बयान का जिक्र किया। उन्‍होंने मणिशंकर द्वारा कहे गए 'नीच' शब्‍द को गुजरातियों का अपमान बताया। इधर कांग्रेस ने भी इस गलती को स्‍वीकार किया। राहुल गांधी ने कारण बताओं नोटिस जारी करते हुए मणिशंकर को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

राहुल गांधी को भी इस बात का अहसास हो गया था कि मणिशंकर के बयान से कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। इसलिए दूसरे चरण के चुनाव प्रचार में उन्‍होंने पहले से कहीं ज्‍यादा 16 रैलियों को संबोधित किया। वहीं मोदी ने दूसरे चरण में सिर्फ 15 रैलियों को ही संबोधित किया। लेकिन इन रैलियों में पीएम मोदी ने जबरदस्‍त तरीके से मणिशंकर अय्यर के बयान को उठाया। शायद यही वजह थी कि दूसरे चरण के लिए मतदान होने से पहले हवा का रुख बदला नजर आया। पलड़ा अब भाजपा का भारी लग रहा था। अगर मणिशंकर अय्यर 'नीच' वाला बयान नहीं देते, तो शायद गुजरात विधानसभा चुनावों के नतीजे कुछ और हो सकते थे।

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