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संवेदनशील मुद्दों से मानसून सत्र गरमाने का कांग्रेसी प्लान लीक

मानसून सत्र में संसद को गरमाने के लिए कांग्रेस ने रणनीति तो बनाई, लेकिन वह लीक हो गई।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 20 Jul 2017 06:21 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jul 2017 06:21 AM (IST)
संवेदनशील मुद्दों से मानसून सत्र गरमाने का कांग्रेसी प्लान लीक
संवेदनशील मुद्दों से मानसून सत्र गरमाने का कांग्रेसी प्लान लीक

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मानसून सत्र में संसद को गरमाने के लिए कांग्रेस ने रणनीति तो बनाई, लेकिन वह लीक हो गई। मुख्य विपक्षी दल ने बाकायदा एक डोजियर बनाकर अपने सांसदों को दिया है। इसमें उन मुद्दों का जिक्र है, जिनके जरिये मोदी सरकार को घेरा जाना है। इस डोजियर में संवेदनशील और सनसनीखेज मामले ऊपर रखे गए हैं। बहरहाल भाजपा ने इसी के सहारे हल्ला बोल दिया कि कांग्रेस केवल कार्यवाही बाधित करने की मंशा से उतरी है। डोजियर में किसानों की बदहाली, गोरक्षा के नाम पर उन्मादी भीड़ की ङ्क्षहसा से लेकर गुजरात सरकार द्वारा मच्छर से फैलने वाले जीका वायरस की रिपोर्ट छिपाने सरीखे मामले शामिल है।

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 इसी रणनीति के तहत बुधवार को संसद के दोनों सदनों में किसान और ङ्क्षहसा का मामला उठाया गया। कांग्रेस के इस डोजियर में सहारनपुर में दलितों के साथ ङ्क्षहसा और उत्पीड़न की घटनाओं में भाजपा के सांसद राघव लखनपाल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूमिका के दावे भी किए गए हैं। देश में किसानों की बदहाल स्थिति को अहम मुद्दा बताया गया है। इसका ध्यान रखा गया है कि ऐसे मुद्दों को नीचे रखा जाए, जिनका जनता में बहुत असर नहीं है। कांग्रेस के इस डोजियर में डोकलाम सीमा पर चीन के साथ जारी खींचतान के मुद्दे को भी रखा गया है। साथ ही जम्मू-कश्मीर सीमा पर पाकिस्तान की आक्रामक गोलीबारी को रोकने में कथित नाकामी पर भी सवाल उठाने की तैयारी है। जीएसटी को जल्दबाजी में लागू करने की वजह से हो रही दिक्कतों को प्रमुखता से उठाने की बात है। नोटबंदी के बाद अब भी उसकी मार से आम छोटे लोगों के नहीं उबर पाने को भी इस सूची में रखा गया है।

 कांग्रेस के नवगठित रिसर्च विभाग ने इन तमाम मुद्दों पर सरकार की कमजोरियों को रेखांकित करते हुए पार्टी सांसदों से इसे सदन में उठाने को कहा है। मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल में रोजगार घटने को भी डोजियर में शामिल किया गया है। शिक्षण संस्थाओं और शिक्षा व्यवस्था के कथित भगवाकरण, तीन साल में मनरेगा की मजदूरी नहीं बढ़ने, उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस हासिल करने वालों को बाद में सिलेंडर नहीं दिए जाने जैसे मसले डोजियर का हिस्सा है। मोदी सरकार के तीन साल का देशभर में जश्न मनाने के लिए सरकारी कंपनियों पर जबरन लादे गए आर्थिक बोझ का मसला भी सूची में शामिल है। सांसदों को सरकार के खिलाफ डोजियर थमाने के साथ ही कांग्रेस ने साफ संकेत दे दिया है कि मानूसन सत्र के दौरान वह हर दिन जनता से जुड़े अहम मुद्दों पर सरकार की खामियों को उजागर करने का कोई मौका नहीं छोड़ेगी।

इसमें शुरू में ही पांच-छह ऐसे मुद्दे हैं, जिनसे देश में धर्म और जाति के नाम पर विभाजन बढ़ेगा। हम लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं। हमारा मानना है कि महत्वपूर्ण मुद्दों को सदन में उठाया जाना चाहिए। --संबित पात्रा, भाजपा प्रवक्ता।

सरकार पर कांग्रेस के मुख्य आरोप

--मोदी सरकार आने के बाद उन्मादी भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या की घटनाओं में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। कश्मीर में डीएसपी अयूब पंडित, राजस्थान में जफर खान और हरियाणा में जुनैद को पीटकर मार डाला गया। इसकी बढ़ती प्रवृत्ति चिंताजनक है।

प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस फायरिंग की गई। इसके बाद राज्य में 60 से अधिक किसान आत्महत्या कर चुके हैं। किसानों के आंदोलन के लिए कांग्रेस जिम्मेदार नहीं है। मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के कर्ज माफी से इन्कार के बाद किसान आंदोलित हुए थे।

मई में विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में बताया गया कि गुजरात सरकार ने 2016-17 के दौरान जीका वायरस के मामलों को छिपाए रखा। जीका जैसे खतरनाक मामला छिपाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

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