बागियों को वोटिंग से दूर रखना चाहती है कांग्रेस
उत्तराखंड की हरीश रावत सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने का अदालत की ओर से मौका मिलने के बाद अब कांग्रेस पार्टी की पूरी कोशिश यह है कि वह इस दौरान अपने बागी विधायकों को कैसे वोटिंग से दूर रख सके।
नई दिल्ली। उत्तराखंड की हरीश रावत सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने का अदालत की ओर से मौका मिलने के बाद अब कांग्रेस पार्टी की पूरी कोशिश यह है कि वह इस दौरान अपने बागी विधायकों को कैसे वोटिंग से दूर रख सके। इसके लिए वह कानूनी विकल्पों को तलाश रही है।
कांग्रेस पार्टी की महासचिव और उत्तराखंड की प्रभारी अंबिका सोनी ने मंगलवार को बागी विधायकों की वोटिंग पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो लोग अब विधानसभा सदस्य ही नहीं, वे वोटिंग कैसे कर सकते हैं। उन्होंने कहा, "कांग्रेस इसके कानूनी विकल्प तलाशेगी कि जिन नौ विधायकों को अयोग्य घोषित किया जा चुका है, वे कैसे वोटिंग में हिस्सा ले सकते हैं। वे तभी अंदर जा सकते हैं, जब उन्हें दुबारा सदस्य बनाया जाए। यह बात हमारी पूरी तरह समझ नहीं आई है। इसलिए हम अभी अपने वकील से समझेंगे।"
उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा जिस तरह अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर दादागीरी कर रही है, उसका अदालत ने माकूल जवाब दिया है। सोनी ने कहा, "अरुण जेटली जी मीडिया में कह रहे थे कि ऐसा आजाद भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है। मैं उन्हें कहना चाहती हूं कि वाकई यह आजाद भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है कि एक मुख्यमंत्री को बहुमत साबित करने का मौका नहीं मिले और इसके लिए तय दिन से ठीक एक दिन पहले राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाए।"
उन्होंने कहा कि भाजपा ने सिर्फ दूसरों की मुसीबत में अपना हाथ साफ करने के अलावा कुछ नहीं किया है। अब गुरुवार को उत्तराखंड विधानसभा में कांग्रेस की हरीश रावत सरकार का बहुमत परीक्षण होना है।