Move to Jagran APP

पंजाब-उत्तराखंड में असंतुष्ट पूर्व सैनिकों को कांग्रेस ने जोड़ा अपने साथ

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पूर्व सैनिकों के इस गुट को पार्टी से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Thu, 05 Jan 2017 07:04 PM (IST)Updated: Thu, 05 Jan 2017 07:18 PM (IST)
पंजाब-उत्तराखंड में असंतुष्ट पूर्व सैनिकों को कांग्रेस ने जोड़ा अपने साथ

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने पंजाब और उत्तराखंड के अपने चुनाव अभियान को धार देने के लिए वन रैंक वन पेंशन के विवाद को फिर से हवा दे दी है। ओआरओपी के मौजूदा फार्मूले से असंतुष्ट रिटायर्ड मेजर जनरल सतबीर सिंह की अगुवाई वाले पूर्व सैनिकों के गुट का समर्थन हासिल कर कांग्रेस ने यह दांव चला है।

loksabha election banner

पूर्व सैनिकों के इस गुट के नेता ने एनडीए सरकार पर ओआरओपी देने में छल करने का आरोप लगाते हुए सभी पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस का समर्थन करने का एलान किया। पंजाब और उत्तराखंड कांग्रेस ने इस समर्थन के बदले पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए अपने वादों को चुनाव घोषणा पत्र में शामिल करने का भी एलान किया।

उत्तराखंड में अपनी सत्ता बचाए रखने और पंजाब में चुनावी फतह हासिल करने को अपनी राष्ट्रीय राजनीति के लिए जरूरी मान रही कांग्रेस इन दोनों राज्यों के चुनाव में अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही। पूर्व सैनिकों के गुट का समर्थन पार्टी को इसमें मदद देगा क्योंकि पंजाब और उत्तराखंड दोनों प्रदेशों में पूर्व सैनिकों की संख्या अच्छी खासी है।

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पूर्व सैनिकों के इस गुट को पार्टी से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है। इसीलिए पार्टी ने पूर्व सैनिकों के कांग्रेस को समर्थन देने के एलान को अहम साबित करने के लिए अमरिंदर के साथ उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों हरीश रावत और वीरभद्र सिंह को भी प्रेस कांफ्रेंस में बुलाया। कांग्रेस महासचिव अंबिका सोनी और पंजाब की प्रभारी आशा कुमारी के साथ पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला भी इस दौरान मौजूद थे।

पढ़ें- पंजाब विधानसभा चुनाव 2017 : बादल लंबी व सुखबीर जलालाबाद से ही लड़ेंगे चुनाव

ओआरओपी से असंतुष्ट इंडियन आर्मी एक्स सर्विसमैन गुट के नेता मेजर जनरल सतबीर सिंह ने इस मौके पर कहा कि यूपीए सरकार ने वन रैंक वन पेंशन की परिभाषा तय की थी वह मौजूदा सरकार ने बदल दी। सरकार ने जो ओआरओपी दिया है वह लंगड़ी है और सैनिकों के साथ धोखा है। इसके विरोध में पूर्व सैनिक पिछले 571 दिन से रिले अनशन कर रहे हैं मगर सरकार का कोई नुमाइंदा उनकी बात सुनने तक नहीं आया है। उन्होंने कहा कि सैनिक देश के लिए शहादत देता है मगर बदले में केवल सम्मान मांग रहा और सरकार ने वह नहीं दिया है। इसीलिए पूर्व सैनिकों ने इस चुनाव में पूरे देश में कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया है। सतबीर सिंह के इस एलान के वक्त ओआरओपी के लिए संघर्ष कर रहे सेना के कई पूर्व अफसर भी मौजूद थे जिसमें पाक के साथ युद्ध में शामिल एयर फोर्स पायलट भी शामिल थे।

पढ़ें- केजरीवाल के पूर्व प्रधान सचिव ने CBI पर लगाए गंभीर आरोप

कैप्टन अमरिंदर ने इस मौके पर पंजाब कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र में पूर्व सैनिकों के कल्याण के 21 बिन्दुओं को शामिल करने का एलान किया। इसमें मुख्यमंत्री कार्यालय में पूर्व सैनिकों के लिए एक अलग से सेल खोलने का वादा भी शामिल है। वहीं उत्तराखंड के सीएम हरीश रावत ने कहा कि पूर्व सैनिकों की तादाद उनके प्रदेश में काफी है और इसीलिए वह भी कैप्टन अमरिंदर के 21 बिन्दुओं में से कुछ अहम सुझाव अपने चुनाव घोषणा पत्र में शामिल करेंगे। रावत ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साथ ओआरओपी के साथ सातवें वेतन आयोग की त्रुटियों को दूर नहीं करने के केन्द्र के रुख पर सवाल उठाया


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.