माल्या के मुद्दे पर कांग्रेस ने लोकसभा से वॉकआउट किया
बैंकों से लोन लेकर न चुकाने के मामले में उद्योगपति विजय माल्या का मामला संसद की दहलीज तक पहुंच चुका है। कांग्रेस सांसदों ने इस मुद्दे पर सोनिया गांधी की अगुवाई में लोकसभा से वॉकआउट किया। इससे पहले राज्यसभा में कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार को पार्टी
नई दिल्ली । बैंकों से लोन लेकर न चुकाने के मामले में उद्योगपति विजय माल्या का मामला संसद की दहलीज तक पहुंच चुका है। कांग्रेस सांसदों ने इस मुद्दे पर सोनिया गांधी की अगुवाई में लोकसभा से वॉकआउट किया। इससे पहले राज्यसभा में कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार को पार्टी बनाए जाने की मांग की है। सदन में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने इस मामले को उठाया। आजाद ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में शामिल लोगों पर कार्रवाई हो।
राज्यसभा में जेटली का कांग्रेस पर पलटवार
राज्यसभा में अरुण जेटली ने सरकार की तरफ से बयान देते हुए कहा कि 2004 में यूपीए सरकार के दौरान माल्या को बैंक की सुविधा दी गई। उन्होंने कहा कि माल्या पर यूपीए सरकार मेहरबान थी। जेटली ने कहा कि लोन क्यों दिया गया, इसकी जांच सीबीआई कर रही है। उन्होंने सदन को बताया कि माल्या के खातों में गड़बड़ी के बावजूद उन्हें लोन दिया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि जब ललित मोदी देश छोड़कर विदेश चले गए थे तब यूपीए की सरकार थी और मामला फेमा के तहत दर्ज किया गया था।
राज्यसभा में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सवाल यह नहीं है कि माल्या को लोन किसने दिया, सवाल ये है कि उन्हें विदेश जाने की इजाजत क्यों दी गई ? उन्होंने कहा कि 5 मार्च तक बैंकों ने मामला दर्ज नहीं करवाया था, जबकि ऑडिटर जनरल ने जानकारी दी कि विजय माल्या देश छोड़कर चले गए हैं।
लोकसभा में जेटली का बयान
लोकसभा में इस मुद्दे पर कांग्रेस के स्थगन प्रस्ताव पर जेटली ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि विजय माल्या पर देशभर में केस दर्ज हैं। उनपर 9091 करोड़ रुपए का कर्ज है। जेटली ने सदन को आश्वासन देते हुए कहा कि बैंकों को कर्ज वसूलने के लिए पूरी छूट है। लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, सीपीएम नेता एमबी राजेश और पप्पू यादव की तरफ से स्थगन प्रस्ताव दिया गया था।
कांग्रेस ने मांग की है कि सरकार इस मामले में जांच करवाए। पार्टी नेता मनीष तिवारी ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में लोनदेने वाले बैंकों की भूमिका की भी जांच हो। उन्होंने कहा कि जब विजय माल्या की कंपनी की हालत सही नहीं थी तो उन्हें किस आधार पर इतना बड़ा लोन दिया गया। तिवारी ने इस मामले में बैंक कर्मचारियों की भूमिका को लेकर जांच की मांग की। वहीं भाजपा सांसद किरीट सौमैया शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाएंगे।
इस बीच केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कोई भी देश का पैसा लेकर भाग नहीं सकता। उन्होंने कहा कि माल्या कहीं भी शांति से नहीं रह सकते। नकवी ने कहा कि कानूनी कार्रवाई में वक्त लगता है।
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बढ़ती जा रही हैं माल्या की मुश्किलें
इससे पहले बैंकों से 7600 करोड़ रुपये की राशि लेकर उसे चुकाने में असफल रहे उद्योगपति डॉ. विजय माल्या की मुसीबत आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है। एक तरफ जहां बैंक माल्या के विदेश जाने पर रोक लगाने की याचिका ले कर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गये है वही सरकार ने भी बैंकों को माल्या से कर्ज वसूली के लिए हरसंभव तरीका इस्तेमाल करने की छूट दे दी है। सरकार माल्या के मामले को उन उद्योगपतियों के लिए एक मिसाल बनाना चाहती है जो बैंकों से कर्ज ले कर उसे लौटाने में आना कानी करते हैं।
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