सिंधिया बोले- शिवराज के राज में किसानों पर गोली चलना, यही सबसे बुरा वक्त
ज्योतिरादित्य सिंधिया बोले कि प्रदेश के लिए ये एक काला दिन है। मध्य प्रदेश में किसानों के आंदोलन को जिस बर्बरता से कुचला जा रहा है, वो अत्यन्त शर्मनाक है।
नई दिल्ली, जेएनएन। कांग्रेस के युवा सांसद और राहुल गांधी के करीबी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश के मंदसौर में पुलिस फायरिंग में हुई किसानों की मौत पर दुख प्रकट किया। साथ ही इस घटना को मध्य प्रदेश के इतिहास में सबसे बुरा दिन बताया। मध्य प्रदेश में किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों का ये आंदोलन मंगलवार को हिंसा में बदल गया। इसके बाद पुलिस को किसानों पर गोलियां चलानी पड़ीं, जिसमें छह लोगों को मौत हो गई।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर कहा, 'मंदसौर में पुलिस फायरिंग में 2 किसानों की मौत अत्यंत ही दुर्भागयपूर्ण एवं दुखद है। मैं स्तब्ध हूं। उनके परिवारों को मेरी गहरी संवेदनाएं। मध्य प्रदेश के इतिहास में आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ। हमारे अन्नदाताओं पर गोली चलाना दुखदायी एवं दिल को दहलाने वाला है।'
सिंधिया ने इसे मध्य प्रदेश के लिए बेहद बुरा दिन बताया। उन्होंने कहा, 'प्रदेश के लिए ये एक काला दिन है। मध्य प्रदेश में किसानों के आंदोलन को जिस बर्बरता से कुचला जा रहा है, वो अत्यन्त शर्मनाक है। मैं इस दुखद घटना की कड़ी निंदा करता हूं।'
वहीं भोपाल के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाया है कि जो लोग आंदोलन के हिंसक बना रहे हैं, वे कांग्रेस से जुड़े हैं। रतलाम में जिला पंचायत उपाध्यक्ष डीपी धाकड़ की भूमिका से यह बात सामने आ गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की जो जायज मांगे थीं, वह सब मान ली गई हैं। अब कांग्रेस आंदोलन को गलत दिशा में लेकर जा रही है। यह आंदोलन सिर्फ कुछ इलाकों में चल रहा है। जबलपुर, ग्वालियर सहित अन्य जगह कोई आंदोलन नहीं है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में कर्ज माफी समेत कई मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसान मंगलवार को मंदसौर जिले में हिंसक हो गए। उन्होंने विभिन्न जगहों पर 18 ट्रक फूंक दिए। कई छोटे वाहनों में तोड़फोड़ की। आंसू गैस से भी काबू नहीं हो रहे किसानों पर पुलिस को गोली चलानी पड़ी। इससे छह की मौत हो गई। हालात बेकाबू देख मंदसौर शहर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। अफवाहों को रोकने के लिए जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। हिंसा में मारे गए किसानों के परिजनों को राज्य सरकार ने दस-दस लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया है।
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