गहलोत-पायलट के बीच दूरियां घटने की कांग्रेस को बंधी उम्मीद, पायलट के जन्मदिन के मौके पर गहलोत ने दी बधाई
सचिन पायलट को जन्मदिन के मौके पर बधाई मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दी मगर इसकी खुशी कांग्रेस के सियासी खेमे में नजर आई। रणनीतिकारों का मानना है कि शिष्टाचार संवाद का शुरू हुआ सिलसिला जल्द ही राजस्थान की सत्ता और संगठन में पायलट समर्थकों को शामिल करने की ओर बढ़ेगा।
नई दिल्ली, संजय मिश्र। सचिन पायलट को जन्म दिन के मौके पर बधाई मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दी मगर इसकी खुशी कांग्रेस के सियासी खेमे में नजर आई। राजस्थान समेत कई राज्यों में अंदरूनी उठापटक से जूझ रही कांग्रेस, गहलोत के इस बधाई संदेश में पायलट के साथ उनके रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने की शुरुआत मान रही है। पार्टी रणनीतिकारों का मानना है कि शिष्टाचार संवाद का शुरू हुआ सिलसिला जल्द ही राजस्थान की सत्ता और संगठन में पायलट समर्थकों को शामिल करने की ओर बढ़ेगा। वैसे सचिन पायलट ने भी जन्मदिन के मौके पर जयपुर में समर्थकों की बड़ी भीड़ जुटाकर गहलोत ही नहीं कांग्रेस नेतृत्व को भी अपनी राजनीतिक ताकत का अहसास करा दिया।
राजस्थान की सरकार और संगठन में पायलट गुट के विधायकों-नेताओं को जगह दिलाने के कई महीने से प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस नेतृत्व के सामने सबसे मुश्किल चुनौती यह आ रही थी कि गहलोत और पायलट के बीच आपस में कोई सीधा संवाद नहीं हो रहा था। पार्टी के राजनीतिक कार्यक्रमों में एक मंच पर होते हुए भी दोनों के बीच दूरियां साफ नजर आ रही थीं। कोरोना की दूसरी लहर के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने अब तक दिल्ली का दौरा नहीं किया और इसकी वजह से पार्टी आलाकमान सीधे उनसे इस मुद्दे पर चर्चा नहीं कर पा रहा था। तभी अगस्त के मध्य में राज्य के प्रभारी कांग्रेस महासचिव अजय माकन के साथ संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को हाईकमान ने विशेष रूप से गहलोत से बात कर पायलट समर्थकों को मंत्रिमडल में शामिल करने की राह बनाने की कोशिश की।
इसी बीच गहलोत के दिल की बीमारी सामने आ गई और एंजियोप्लास्टी के बाद वे इन दिनों स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। गहलोत की सेहत में आई इस बाधा के बाद जहां पायलट समर्थकों की बेचैनी बढ़ी तो हाईकमान की चिंता में भी इजाफा हुआ। इसकी वजह यह थी कि गहलोत अपने सियासी पत्ते खोलना तो दूर पायलट से संवाद भी नहीं कर रहे थे। मगर मंगलवार को गहलोत ने बकायदा ट्विटर पर पायलट को जन्मदिन की बधाई देते हुए उनके दीर्घायु होने की कामना की। इसीलिए गहलोत की बधाई को कांग्रेस के रणनीतिकार सूबे में पार्टी की अंदरूनी सियासत को दुरुस्त करने के साथ नई शुरुआत के लिए मुख्यमंत्री के तैयार होने के संकेत के रूप में देख रहे हैं।
मालूम हो कि कांग्रेस नेतृत्व ने माकन और वेणुगोपाल के जरिए जो प्रस्ताव भेजा है उसमें पायलट के समर्थक आधा दर्जन विधायकों को मंत्री बनाने के अलावा कुछ लोगों को निगम और बोर्ड का अध्यक्ष बनाया जाना है। जबकि सचिन पायलट को राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के शीर्ष संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका दिए जाने की संभावनाएं जताई जा रही हैं।