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बांग्लादेश मुक्ति संग्राम की स्वर्ण जयंती मनाने को कांग्रेस ने बनाई एंटनी की अध्यक्षता वाली समिति

कांग्रेस ने ऐतिहासिक बांग्लादेश मुक्ति संग्राम की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए समिति गठित की। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम लड़ा गया था। पराजित होने के बाद पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी ने समर्पण किया था।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 10:44 PM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 10:44 PM (IST)
बांग्लादेश मुक्ति संग्राम की स्वर्ण जयंती मनाने को कांग्रेस ने बनाई एंटनी की अध्यक्षता वाली समिति
पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी की अध्यक्षता वाली समिति उत्सवों का करेगी समन्वय।

नई दिल्ली, प्रेट्र। कांग्रेस ने ऐतिहासिक बांग्लादेश मुक्ति संग्राम की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए एक समिति गठित की है। पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी की अध्यक्षता वाली समिति स्वर्ण जयंती उत्सव के लिए पार्टी कार्यक्रमों की योजना बनाएगी और उसका समन्वय करेगी। इस समिति में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह शामिल हैं। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी को भी समिति में लिया गया है। वह पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं।

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बांग्लादेश मुक्ति संग्राम विजय की ऐतिहासिक 50वीं वर्षगांठ: समिति गठन करने की मंजूरी

पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'कांग्रेस अध्यक्ष ने समिति गठन करने की मंजूरी दे दी है। यह समिति 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम विजय की ऐतिहासिक 50वीं वर्षगांठ उत्सव के लिए कांग्रेस कार्यक्रमों की योजना बनाएगी और समन्वय करेगी। यही मुक्ति संग्राम दोनों देशों के बीच विशेष रिश्ते की बुनियाद है।'

इंदिरा गांधी के कार्यकाल में 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम लड़ा गया था

समिति के अन्य सदस्यों में हरियाणा की पूर्व मंत्री किरण चौधरी, तेलंगाना कांग्रेस प्रमुख उत्तम कुमार रेड्डी और मेजर वेद प्रकाश शामिल हैं। प्रवीण डावर को समिति का समन्वयक बनाया गया है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में 1971 का बांग्लादेश मुक्ति संग्राम लड़ा गया था। पराजित होने के बाद पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी ने समर्पण किया था।


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