लोकसभा में हंगामाः स्पीकर पर फेंके गए कागज, कांग्रेस के 6 सांसद निलंबित
संसद में कांग्रेस व राजद के हंगामा के बीच अशोभनीय हरकत के कारण कांग्रेस के 6 सांसदों को पांच बैठकों के लिए निलंबित कर दिया गया है।
नई दिल्ली (एएनआई)। संसद के मॉनसून सत्र के छठे दिन आज शून्यकाल के दौरान सदन की कार्यवाही बाधित करने का प्रयास करने वाले छह सांसदों को पांच बैठकों के लिए लोकसभा से निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही लोकसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गयी। स्पीकर सुमित्रा महाजन ने बताया, ‘गौरव गोगोई और के सुरेश समेत कई सदस्यों ने कागज फेंके। कामकाज में व्यवधान डालने के लिए 6 सदस्यों को नियम 374 (ए) के तहत सदन की पांच बैठकों से निलंबित किया जाता है।
पांच बैठकों तक जारी रहेगा निलंबन
स्पीकर ने निलंबित सांसदों का नाम - अधीर रंजन चौधरी, रंजीत रंजन, एम के राधवन, सुष्मिता देव का नाम बताते हुए कहा कि इन सबने जानबूझ सदन की कार्रवाई में बाधा डाली। स्पीकर ने आगे बताया कि सदन के काम में रुकावट डालने और अशोभनीय आचरण के लिए कांग्रेस के छह सदस्य का निलंबन पांच बैठकों तक जारी रहेगा।
मल्लिकार्जुन खडगे ने जताई आपत्ति
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कांग्रेस सांसदों के निलंबन को अनुचित बताते हुए कहा, ‘यह प्रजातंत्र के लिए सही नहीं है। ऐसे कई उदाहरण हैं जब सदस्यों ने नियमों का उल्लंघन किया है। इसका समर्थन नहीं करता हूं लेकिन ऐसी सख्त कार्रवाई सही नहीं है, इस मुद्दे पर हम सभी गांधी प्रतिमा के नीचे विरोध प्रदर्शन करेंगे।‘
Suspending our six members, while the President is being welcomed & his oath ceremony is there, is not appropriate: Mallikarjun Kharge, Cong pic.twitter.com/TfduWnzelc— ANI (@ANI_news) July 24, 2017
हमारे 6 सदस्यों को ऐसे वक्त में निलंबित किया गया है जब राष्ट्रपति का स्वागत किया जा रहा है और उनका शपथ समारोह है।
सांसदों ने की अशोभनीय हरकत: स्पीकर
वहीं इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा, ‘प्रश्नकाल को बाधित नहीं किया जाना चाहिए। मैंने खडगे जी को कहा था कि प्रश्न काल के बाद उन्हें बोलने का मौका दिया जाएगा। वेल में हंगामा करना अनुशासन के खिलाफ तो है ही उसपर कागज फाड़ कर चार बार स्पीकर पर फेंकना अशोभनीय हरकत है।‘ उन्होंने आगे बताया, सांसदों ने मेरे टेबल पर से फाइलें ली। ये सब ऑफिशियल कागजात थे। ऐसा करना अपराध है।
शुरुआत में ही उठा 'भीड़ की हिंसा' मामला
कार्यवाही की शुरुआत में ही कांग्रेस पार्टी के सांसदों ने भीड़ की हिंसा मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। कांग्रेस के सांसद प्रश्नकाल स्थगित करने की मांग कर रहे थे। बता दें कि आरजेडी व कांग्रेस ने आज लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश किया था।
मोसुल में लापता भारतीयों का मुद्दा
अकाली दल के चंदू माजरा ने लोकसभा में इराक में लापता 39 भारतीय नागरिकों का मामला उठाते हुए कहा कि सच्चाई का पता लगाना होगा। वहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज इराक के विदेश मंत्री से दिल्ली में मुलाकात की है। सूत्रों के मुताबिक, मोसुल में लापता 39 भारतीयों पर सुषमा स्वराज आज बयान नहीं देंगी।
बाधा न उत्पन्न करें विपक्ष: स्पीकर
इस बीच स्पीकर ने कहा कि प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सांसद हंगामा न करें। स्पीकर ने कहा, किसी भी विषय पर प्रश्नकाल के बाद चर्चा हो सकती है। विपक्षी सांसदों के बढ़ते हंगामे के देखते हुए स्पीकर ने कहा ये नियम आपके हमारे द्वारा बनाए गए है। किसी भी तरह से प्रश्नकाल में बाधा न उत्पन्न करें। सदन में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सांसद लगातार नारेबाजी कर रहे हैं। कार्यवाही शुरू होने से पहले ही आज कांग्रेस पार्टी ने भीड़ हिंसा मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव दिया था।
राजद व कांग्रेस का स्थगन प्रस्ताव
आरजेडी के जेपी यादव ने लोकसभा में लालू और राबड़ी के पटना हवाई अड्डे में सीधा प्रवेश के 'विशेषाधिकार' को रद किए जाने पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश किया। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी से सिविल एविएशन मिनिस्ट्री द्वारा विशेषाधिकार ले लिया गया है, जिसके तहत वे दोनों बिना किसी अतिरिक्त जांच के हवाई सफर कर पाते थे। वहीं कांग्रेस ने भीड़ हिंसा मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव के लिए नोटिस सबमिट किया।
इससे पहले शुक्रवार को दादरी हिंसा मामाला उठाते हुए कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र पर निशाना साधा था। गांधी ने कहा, ‘मोहम्मद अखलाक की हत्या कर दी गयी क्योंकि उसपर बछड़ा चुराने का आरोप लगाया गया था। यह झूठ था। अखलाक की हत्या पर सवाल करने के बजाए सवाल किया कि फ्रीज में रखा मीट मटन था या बीफ।‘ 20 जुलाई को लोकसभा के बार बार स्थगन के कारण कार्यवाही नहीं हो सकी।
राज्यसभा में लिंचिंग व अल्पसंख्यकों और दलितों पर अत्याचार की घटनाओं में बढ़ोतरी पर चर्चा हुई। चर्चा के दौरान सदस्यों ने क्रूर हिंसा की निंदा की और हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आग्रह किया।विपक्ष ने भीड़ के पीटकर हत्या किए जाने के मामले में अगल कानून बनाए जाने की मांग की थी लेकिन सरकार ने इसे खारिज कर दिया। सरकार ने विपक्ष को इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करने की सलाह दी है।
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