कांग्रेस ने बताया, क्यों हुई एमसीडी चुनाव में पार्टी की करारी हार
भारतीय जनता पार्टी को एमसीडी चुनाव में भारी बहुमत मिली है। भाजपा ने 270 में से 181 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं कांग्रेस को सिर्फ 29 सीटें हाथ लगीं।
नई दिल्ली/हैदराबाद, एएनआइ। कांग्रेस पार्टी को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है। बुधवार को आए नतीजों में कांग्रेस सिर्फ 29 सीटें ही हासिल कर पाई। ऐसा कहा जा रहा था कि कांग्रेस में कई नेताओं की अनदेखी की जा रही है। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के नेताओं की बयानबाजी से यह साफ नजर आ रहा था कि पार्टी में एकजुटता नहीं है। अब कांग्रेस पार्टी ने इस बात को माना है कि उन्होंने एमसीडी चुनाव एकजुट होकर नहीं लड़ा, जिसके कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
एमसीडी चुनावों में मिली हार पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता केटीएस तुलसी ने कहा, 'तथ्यात्मक बात यह है कि कांग्रेस की ओर से ये चुनाव एकजुट होकर नहीं, बल्कि व्यक्तिगत लाइन पर अधिक लड़ा गया है। यह कोई प्राइवेट पार्टी या व्यक्तिगत उद्यम नहीं है, यह सामूहिक रूप से किया जाना चाहिए था।
एमसीडी चुनाव के नतीजे आने के बाद हार की जिम्मेदारी लेते हुए दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने इस्तीफा दे दिया। वहीं पार्टी दिल्ली प्रभारी पी.सी. चाको और एआइसीसी के महासचिव गुरुदास कामत ने भी इस्तीफे की पेशकश की है।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी को एमसीडी चुनाव में भारी बहुमत मिली है। भाजपा ने 270 में से 181 सीटों पर जीत दर्ज की है। यह लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा ने एमसीडी चुनाव में जीत दर्ज की है। इस चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी 48 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। वहीं कांग्रेस को सिर्फ 29 सीटें हाथ लगीं। 12 सीटें अन्य के खाते में गईं, जिनमें बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, इंडियन नेशनल लोकदल और निर्दलीय शामिल हैं।
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