कांग्रेस के पास दिखाने-बेचने को कुछ नहीं: अरुण जेटली
लगातार गरमा रहे चुनावी माहौल के बीच भाजपा और कांग्रेस में जुबानी जंग भी तेज हो गई है। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने नरेंद्र मोदी और भाजपा पर हमला किया तो राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने पलटवार में देरी नहीं की। कांग्रेस शासन का इतिहास याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि उनके पास न तो बेचने को कुछ है और न ही दिखाने को।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। लगातार गरमा रहे चुनावी माहौल के बीच भाजपा और कांग्रेस में जुबानी जंग भी तेज हो गई है। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने नरेंद्र मोदी और भाजपा पर हमला किया तो राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने पलटवार में देरी नहीं की। कांग्रेस शासन का इतिहास याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि उनके पास न तो बेचने को कुछ है और न ही दिखाने को। दरअसल, सिब्बल ने भाजपा को 'सेल्समैन और शोमैन' करार दिया था।
गुरुवार को जेटली ने एक लेख में कहा कि चिदंबरम दावोस के आर्थिक सम्मेलन में हैं और उनसे आशा की जा रही थी कि वह भारत की साख बढ़ाएंगे, लेकिन वहां भी उन्हें भाजपा की ही याद सता रही है। उन्होंने भाजपा की आर्थिक नीतियों को लेकर आशंका जता दी। ठीक उसी समय अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग कंपनी मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय उद्योग जगत नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा के शासन का इंतजार कर रहा है। भारत की स्थिति तभी बदलेगी। जेटली ने सिब्बल को भी लपेटा। उन्होंने कहा कि दस साल के शासन के बावजूद कांग्रेस के खाते में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसकी नुमाइश भी की जा सके।
जेटली ने सिब्बल को याद दिलाया कि कर्नाटक में पार्टी टूटने की आशंका के बावजूद भाजपा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा को पद से हटा दिया था। कई मामलों में वह बरी हो चुके हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस दोषी लालू प्रसाद यादव से समझौता कर रही है। भ्रष्टाचार में घिरे हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को सीने से लगाए बैठी है। आदर्श घोटाले के आरोपी महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण को बचाने की कोशिश हो रही है। ऐसे में कांग्रेस के पास न तो कुछ बेचने को है और न ही दिखाने को।
सचिवालय से ज्यादा आप को सड़क पसंद
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर