पुडुचेरी में उप-राज्यपाल ने निरस्त किया सरकार का आदेश, टकराव
किरन बेदी के इस कदम से राज्य में उप-राज्यपाल और कांग्रेस सरकार के बीच तनाव और बढ़ गया है। उन्होंने सरकार के आदेश को केंद्र के दिशा निर्देशों की अवहेलना बताया है।
पुडुचेरी, प्रेट्र। केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में उप-राज्यपाल किरन बेदी ने मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी के उस आदेश को निरस्त कर दिया है जिसमें उन्होंने आधिकारिक संवाद के लिए सोशल मीडिया के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था। किरन बेदी के इस कदम से राज्य में उप-राज्यपाल और कांग्रेस सरकार के बीच तनाव और बढ़ गया है। उन्होंने कहा है कि सरकार का आदेश केंद्र सरकार के उस आदेश की अवहेलना है जिसमें केंद्र ने इसको लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास इसको निरस्त करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था।
दरअसल, किरन बेदी ने हाल ही में राज्य में विभिन्न सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन से संबंधित विवरण और अन्य सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए एक वाट्सएप ग्रुप बनाया था। इस ग्रुप का एडमिनिस्ट्रेटर राजनिवास के एक विशेष कार्याधिकारी को बनाया गया था। लेकिन, दो जनवरी को राज्य सरकार की ओर से एक सर्कुलर जारी किया गया। इसके मुताबिक, मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों, विभागाध्यक्षों और सरकारी उपक्रमों के कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि वह तत्काल प्रभाव से ट्विटर, वाट्सएप और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया का उपयोग करने से बचें।
इसमें यह भी कहा गया था कि इन बहुराष्ट्रीय कंपनियों के सर्वर देश के बाहर स्थित हैं। लिहाजा कोई भी देश आधिकारिक संवादों और इन पर अपलोड किए गए दस्तावेजों को देख सकता है, जो सरकारी गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन तो है ही, साथ ही केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से जारी दिशानिर्देशों के भी खिलाफ है।
इस दौरान किरन बेदी दिल्ली में थीं। उन्होंने अपने उक्त आदेश की कॉपी अपने व्यक्ति ट्विटर हैंडिल से पोस्ट की। राज्य सरकार के आदेश को पीछे ले जाने वाला और केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ बताते हुए बेदी ने कहा, 'कोई मुख्यमंत्री संवाद का अधिकार कैसे छीन सकता है? इसलिए मैंने इसे अमान्य घोषित कर दिया है। मैंने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह जी, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और इस मसले से उन्हें अवगत कराया।'
बेदी ने कहा, रविशंकर प्रसाद भी मानते हैं कि मुख्यमंत्री का यह कदम पीछे ले जाने वाला है। उप-राज्यपाल ने कहा, 'अब केंद्र को जवाब देना है। मैंने यह उन पर छोड़ दिया है। यह बहुत बड़ा मसला है। विचारों के स्वतंत्र प्रवाह और संवाद में खुलेपन के दौर में एक मुख्यमंत्री कैसे इस तरह का प्रतिबंध आदेश जारी कर सकता है? भारत सरकार का पूरा शिकायत निवारण तंत्र खुले संवाद पर ही आधारित है। इसीलिए विदेश मंत्रालय समेत कई मंत्रालय सोशल मीडिया का प्रभावी रूप से इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर पुडुचेरी को प्रगतिशील केंद्र शासित प्रदेश बनना है तो संचार के क्षेत्र में उसे पीछे नहीं धकेला जा सकता।'
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