मध्य प्रदेश : भारी बारिश से बिगड़े हालात, पानी में डूबा मुंबई-दिल्ली ट्रैक, रेल यातायात ठप, बुलाई गई सेना
मध्य प्रदेश में भारी बारिश से हालात बिगड़ गए हैं। रेलवे ट्रैक पर पानी आ गया है जिससे शनिवार रात से दिल्ली-मुंबई रूट पर रेल यातायात रोकना पड़ा है। पढ़ें यह रिपोर्ट...
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में भारी बारिश से हालात बिगड़ने लगे हैं। रेलवे ट्रैक पर पानी आ गया है जिससे शनिवार रात को दिल्ली-मुंबई रूट पर रेल यातायात रोकना पड़ा। भोपाल और इटारसी के बीच औबेदुल्लागंज के पास इटाया कला के खंभा नंबर 802/21 के पास पहाड़ी क्षेत्रों से आया बारिश का पानी जमा होकर शाम 7:00 बजे ट्रैक पर जा पहुंचा जिससे पटरी जलमग्न हो गई। इसके बाद सबसे पहले रेलवे ने डाउन ट्रैक पर यातायात बंद किया लेकिन बाद में अप ट्रैक पर भी पानी आ गया जिससे उस पर भी ट्रेनों का संचालन रोक दिया गया। होशंगाबाद में हालात बिगड़ने से सेना बुलाई गई है।
वैकल्पिक रूट से यूपी रवाना की गई कुछ ट्रेनें
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, रात 9:21 बजे से दोनों ट्रैक पर रेल आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया जो रात 12 बजे तक सुचारू नहीं हो सका था। भोपाल रेल मंडल के प्रवक्ता आइए सिद्दीकी ने बताया कि रेलवे ट्रैक पर जब पानी आ जाता है तो सुरक्षा कारणों के चलते आवागमन रोकना पड़ता है। शनिवार को ट्रैक पर पानी आने से पुष्पक एक्सप्रेस, गोरखपुर एलटीटी एक्सप्रेस और कामायनी एक्सप्रेस को आसपास के स्टेशनों पर रोकना पड़ा। हालांकि, रात 11:23 बजे पुष्पक एक्सप्रेस और उसके बाद गोरखपुर एवं कामायनी एक्सप्रेस को वाया इटारसी-जबलपुर होकर यूपी की ओर रवाना किया गया।
होशंगाबाद में बुलाई गई सेना
मध्य प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश के कारण हालात बिगड़ गए हैं। नर्मदा और उसकी सहायक कई नदियां उफान पर हैं। सभी बांधों के भरने से गेट खोल दिए गए हैं। इससे नदियों का जलस्तर और ज्यादा बढ़ गया है। होशंगाबाद, नरसिंहपुर, सीहोर, भोपाल सहित अन्य जिलों के निचले इलाकों में पानी घुस गया है। शिवराज सिंह सरकार की अगुवाई वाली भाजपा सरकार ने होशंगाबाद और सीहोर में राहत कार्यों के लिए सेना को बुला लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने समस्या से जूझ रहे इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया है।
एनडीआरएफ ने भी मोर्चा संभाला
भारी बारिश के चलते मध्य प्रदेश के कटनी जिले में एक मकान की दीवार गिरने से चार बच्चों की मौत हो गई। राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (एनडीआरएफ) की एक टीम ने होशंगाबाद में राहत कार्यों का मोर्चा संभाल लिया है। उत्तर प्रदेश के बनारस से भी एनडीआरएफ की एक टीम आ रही है। प्रदेशभर में 150 बोटें राहत एवं बचाव कार्य में लगाई गई हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आपदा प्रबंधन के काम में किसी प्रकार की कोई कसर न छोड़ी जाए। उन्होंने होशंगाबाद और सीहोर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई दौरा कर जायजा भी लिया।
निचले इलाकों को खाली कराने के निर्देश
मुख्यमंत्री शनिवार सुबह विदिशा, सीहोर और सागर फसलों को हुए नुकसान का दौरा करने जाने वाले थे लेकिन अतिवृष्टि की स्थिति को देखते हुए उन्होंने कार्य निरस्त कर वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई। मुख्यमंत्री ने निचले इलाकों के लोगों को राहत शिविरों में भेजने के निर्देश जारी किए हैं। बताया जाता है कि जबलपुर संभाग में छिंदवाड़ा और नरसिंहपुर में सबसे अधिक बारिश हुई है। इंदौर संभाग में सर्वाधिक वर्षा खंडवा में दर्ज की गई है। सागर संभाग के दमोह, छतरपुर, निवाड़ी भी भारी बारिश से प्रभावित हुए हैं।
घरों में 10 फुट तक पानी
दो दिन से टापू बने छिंदवाड़ा जिले में एनडीआरएफ की टीम ने घोघरा में फंसे युवक को उसके श्वान के साथ वायुसेना के हेलिकॉप्टर से निकाला। उधर, नरसिंहपुर मार्ग तीसरे दिन भी बंद रहा। माचागोरा बांध का पानी आमटा और बंदी गांव में घुस जाने से दोनों गांवों को पूरा खाली कराया है। चांदामेटा में मकान ढहने से दो बच्चों और एक महिला की मौत हो गई। बरेली से जयपुर-जबलपुर, भोपाल-सागर, गाडरवारा-बाड़ी सड़क संपर्क कट गया है। बरेली में घरों, गोदाम और वेयरहाउस में 10 फुट तक पानी भर गया है। उदयपुरा में बोरास के पुल से करीब 15 फीट ऊपर पानी पहुंच गया है।
805 गांव प्रभावित, 110 मकान क्षतिग्रस्त
बाढ़ के कारण धार, झाबुआ, आगर, सतना, दमोह, छतरपुर, टीकतगढ़, सीहोर, रायसेन, राजगढ़, सिवनी, डिंडौरी सहित अन्य जिलों के 805 गांव अतिवृष्टि से प्रभावित हैं। 110 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं तो चार हजार 231 मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। जबलपुर-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-12 पर स्थित बारना नदी का पुल डूबने से भोपाल का जबलपुर से सड़क संपर्क टूट गया है। रायसेन का सागर से भी सड़क संपर्क टूट गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो जाने से विदिशा का सागर से संपर्क टूट गया है।
कई गांवों से संपर्क कटा
अहमदपुर में 20 लोग पानी से घिर गए थे जिन्हें शनिवार को बाहर निकाला गया। सीहोर जिले में नसरल्लागंज-इंदौर और रेहटी सड़क मार्ग बंद है। अंबा में बाढ़ के चलते 50 गांवों का संपर्क टूट गया है। बैतूल जिले में शाहपुर के पास माचना नदी के पुल के ऊपर जल प्रवाह के चलते भोपाल-नागपुर राजमार्ग-69 पर यातायात बंद है। हरदा की चार निचली बस्तियों में पानी भरने से वहां के लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। हंडिया में नर्मदा नदी खतरे के निशान से एक फीट ऊपर बह रही थी। बैतूल जिले के मुलताई के ग्राम बानूर में 12 वर्षीय बालक नाले में बह गया है।