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राजठाकरे के खिलाफ परिवाद दर्ज

वाराणसी [जासं]। बिहार के लोगों के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर सोमवार को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट [सप्तम] तरुण कुमार सिंह की अदालत में राज ठाकरे के खिलाफ मुकदमा दाखिल किया गया। अदालत ने इस पर सुनवाई करते हुए इसे परिवाद के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया है। बक्सर [बिहार] जिला अंतर्गत ब्रह्मापुर थाना क्षेत्र

By Edited By: Published: Mon, 03 Sep 2012 09:31 PM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2012 10:01 PM (IST)
राजठाकरे के खिलाफ परिवाद दर्ज

वाराणसी [जासं]। बिहार के लोगों के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर सोमवार को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट [सप्तम] तरुण कुमार सिंह की अदालत में राज ठाकरे के खिलाफ मुकदमा दाखिल किया गया। अदालत ने इस पर सुनवाई करते हुए इसे परिवाद के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया है।

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बक्सर [बिहार] जिला अंतर्गत ब्रह्मापुर थाना क्षेत्र के देवकुली गांव निवासी गोपाल ओझा द्वारा दाखिल प्रार्थना पत्र पर यह आदेश किया गया।

गोपाल ओझा ने आरोप लगाया है कि एक से तीन सितंबर तक मनसे प्रमुख राज ठाकरे द्वारा बिहार के लोगों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर विभिन्न चैनलों पर समाचार प्रसारित किए गए और समाचार पत्रों में प्रकाशित भी किए गए।

बिहार प्रांत के रहने वाले एक व्यक्ति को महाराष्ट्र पुलिस द्वारा बिहार पुलिस को सूचना दिए बगैर गिरफ्तार किए जाने पर वहां सचिव ने आपत्ति दर्ज कराई तो राज ठाकरे ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बिहारियों को महाराष्ट्र में घुसपैठिया घोषित कर उन्हें यहां से खदेड़ दूंगा। एक जनसभा के संबोधन में राज ठाकरे ने कहा कि मुंबई में रहने वाले बिहार के लोग अपराधी हैं और मुंबई में अपराध करते व कराते हैं। अपने उक्त संबोधनों में समय-समय पर राज ठाकरे बिहारियों को अपराधी घोषित करते रहे। राज ठाकरे के इस बयान से परिवादी व उसके परिवारीजन भविष्य में मुंबई जाने से डरे हुए हैं। भारतीय संविधान में देश के प्रत्येक नागरिक को अपनी इच्छानुसार, किसी भी प्रांत में आने-जाने व निवास करने का अधिकार है। महाराष्ट्र के नवनिर्माण में बिहार के लोगों का भी काफी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। राज ठाकरे द्वारा भाषा, प्रांत आदि के नाम पर बिहार व महाराष्ट्र प्रात के लोगों के बीच वैमनस्यता फैलाने का अपराध किया जा रहा है। राज ठाकरे के बयानों से राष्ट्रीय अखंडता व एकता पर भी खतरा उत्पन्न हो गया है। यह कृत्य देशद्रोह की परिधि में आता है। राज ठाकरे को दंडित किया जाना चाहिए।

अदालत ने परिवादी का बयान दर्ज करने के लिए छह सितंबर की तारीख मुकर्रर की है। परिवादी की पैरवी अधिवक्ता अवधेश कुमार सिंह व विवेक शंकर तिवारी ने की।

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