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कोयले के परिवहन पर बैन के एनजीटी के आदेश को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

कोयला मंत्रालय ने NCL की इकाइयों को बंद करने और पहले से निकाले गए कोयले के परिवहन पर प्रतिबंध लगाने के एनजीटी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 28 Jun 2019 12:36 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jun 2019 12:51 PM (IST)
कोयले के परिवहन पर बैन के एनजीटी के आदेश को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
कोयले के परिवहन पर बैन के एनजीटी के आदेश को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

नई दिल्‍ली, एजेंसी। कोयला मंत्रालय (Coal ministry) ने शुक्रवार को नारदर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (Northern coalfields Ltd, NCL) की इकाइयों को बंद करने और पहले से निकाले गए कोयले के परिवहन पर प्रतिबंध लगाने के एनजीटी (NGT) के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया। सर्वोच्‍च न्‍यायालय अब इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा।

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दरअसल, दो साल पहले एनजीटी ने क्षेत्र में भारी प्रदूषण की शिकायत पर सुनवाई की थी। एनजीटी ने सड़क से कोयला परिवहन करने पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे। एनजीटी के निर्देशों के बाद मध्‍य प्रदेश में प्रतिदिन ढाई लाख कोयले का उत्‍पादन करने वाली एनसीएल सिंगरौली पर बुरा असर पड़ा था। सड़क से कोयला परिवहन पर रोक लगने से ट्रकों के पहिये थम गए थे। इससे कोयला उत्‍पादन भी प्रभावित हुआ था। 

बता दें कि इस साल की शुरुआत में एनजीटी अवैध कोयला खदान पर लगाम लगाने में विफल रहने पर मेघालय सरकार पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। दरअसल, एनजीटी के सामने एक रिपोर्ट प्रस्‍तुत की गई थी जिसमें कहा गया था कि राज्य में ज्यादातर खदानें बिना लीज या लाइसेंस के चल रही हैं। सनद रहे कि मेघालय की पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के लुम्थारी गांव में 370 फुट गहरी अवैध कोयला खदान में 13 दिसंबर से 15 मजदूर फंस गए थे जिनके निकालने के सभी प्रयास बेनतीजा रहे थे। 


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