Move to Jagran APP

गुजरात में पूर्व मुख्यमंत्रियों के इस फॉर्म्यूले को अपनाएंगे सीएम विजय रुपाणी

अभी श्रद्धालुओं को नावों के जरिए बेट द्वारका जाना पडता है लेकिन ब्रिज बनने के बाद लोग अपने साधनों से सीधे वहां तक पहुंच सकेंगे।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Sat, 26 Aug 2017 05:57 PM (IST)Updated: Sat, 26 Aug 2017 05:57 PM (IST)
गुजरात में पूर्व मुख्यमंत्रियों के इस फॉर्म्यूले को अपनाएंगे सीएम विजय रुपाणी
गुजरात में पूर्व मुख्यमंत्रियों के इस फॉर्म्यूले को अपनाएंगे सीएम विजय रुपाणी

अहमदाबाद, जेएनएन। विधानसभा चुनाव से पहले गुजरात की रुपाणी सरकार अपने पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री पीएम नरेन्द्र मोदी के गरीब कल्याण मेलों के फार्मूले को अपनाएगी। मोदी का यह फार्मूला काफी जिताऊ साबित हुआ था, अब तक नौ चरणों 16 हजार करोड़ से अधिक की राशि व उपकरण जरुरतमंदों को वितरित किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री विजय रुपाणी सितंबर में राज्य के सभी जिलों में करीब 200 गरीब कल्याण मेले का आयोजन कर रही है, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल आला अफसरों के साथ के इसको लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक भी कर चुके हैं।

loksabha election banner

मोदी ने गत विधानसभा चुनाव से पहले वर्ष 2009 में गरीब कल्याण मेलों की शुरुआत की थी, करीब एक करोड़ 14 लाख जरुरतमंद महिला - पुरुषों को सरकार की ओर से 16 हजार 391 करोड़ रुपयों के उपकरण, नकदी व अन्य सहायता उपलब्ध कराई जा चुकी है। रुपाणी से पहले मुख्यमंत्री का पद संभालने वाली आनंदीबेन पटेल ने भी इस योजना को अपनाया था। अगले माह सरकार गुजरात के सभी जिलों में करीब दो सौ गरीब कल्याण मेलों का आयोजन करेगी जिनमें मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्रिमंडल के सदस्य आदि विविध सरकारी योजनाओं के तहत जरुरतमंदों को नकद सहायता,उपकरण आवश्यक साधन उपलब्ध कराएंगे। सरकार इस योजना पर करीब पांच हजार करोड़ रू खर्च करेगी।

अहमदाबाद ओखा से बेट द्वारका नावों के जरिए जाने वाले श्रद्धालु अब अपने वाहनों से सीधे बेट द्वारका तक जा सकेंगे। केन्द्र चार किमी का झूलता ब्रिज बनाने के लिए 962 करोड़ रूपयों की सहायता देगी। सरकार का दावा है कि यह देश का पहला झूलता ब्रिज होगा। उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बताया कि केन्द्र सरकार ने गुजरात को ओखा से बेट द्वारका तक करीब पौने चार किमी का झूलता ब्रिज बनाने के लिए 962 करोड़ की सहायता की घोषणा की है। अभी श्रद्धालुओं को नावों के जरिए बेट द्वारका जाना पडता है लेकिन ब्रिज बनने के बाद लोग अपने साधनों से सीधे वहां तक पहुंच सकेंगे। सरकार ने इस ब्रिज का नाम सिग्नेचर ब्रिज रखा है।

गौरतलब है कि अरब सागर के टापू पर स्थ्ति बेट द्वारका दर्शन करने जाने को आम श्रद्धालुओं के लिए नाव ही एक मात्र साधन है। जर्जर नाव व विपरीत मौसम में यह यात्रा काफी जोखिम भरी होती है। स्थानीय नागरिक व बाहर से आने वाले श्रद्धालु गुजरात सरकार को कई बार यहां पुल बनाने का आवेदन कर चुके हैं।

यह भी पढ़ें : कतर के विदेश मंत्री का सुषमा स्वराज ने किया स्वागत, प्रमुख मुद्दों पर हुई चर्चा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.